प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन से जुड़े तमाम किस्सों को लेकर स्वयंसेवकों द्वारा एक अनूठी पहल के तहत एक वेबसाइट लॉन्च की गई है। जिसमें लोगों के लिए पीएम मोदी से जुड़े अनसुने किस्से और प्रेरक कहानियां होंगी। इस वेबसाइट का नाम मोदी स्टोरी(modistory.in) है। इस वेबसाइट में उन लोगों की यादों को संजोया गया है जिन्होंने प्रधानमंत्री की जिंदगी को करीब से देखा है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इस वेबसाइट को लेकर लिखा, “धैर्य और अनुग्रह की कहानियां … निजी अनुभवों की यादें, बातचीत जो एक मिलनसार व्यक्तित्व को दर्शाती हैं। एक निर्णायक राजनीतिक शख्सियत… अब तक की अनकही और अनसुनी कहानियां।”
वहीं केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने वेबसाइट की जानकारी शेयर करते हुए ट्वीट किया, “एक स्वयंसेवी समूह द्वारा इस अनूठी पहल को जरूर देखें! इसपर पीएम नरेंद्र मोदी जी की यात्रा और सार्वजनिक जीवन में काम करने की उनकी दिलचस्प कहानियां और उपाख्यान है।”
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी से जुड़े कई अनसुने प्रेरक किस्सों को लेकर महात्मा गांधी की पोती सुमित्रा गांधी कुलकर्णी ने हाल ही में modistory.in नाम की एक वेबसाइट का उद्घाटन किया। सुमित्रा गांधी कुलकर्णी महात्मा गांधी के तीसरे बेटे रामदास मोहनदास गांधी की पुत्री हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी उनके करीबी हैं और वह उनके कार्यों को समर्थन करती हैं।
वेबसाइट के जरिए बताने की कोशिश है कि पीएम मोदी ने स्वयं सेवक, कार्यकर्ता या फिर राजनीतिक जीवन में रहते हुए सामाजिक कल्याण और लोगों के जीवन को बेहतर करने के लिए कई काम किए हैं। तमाम योजनाओं के पीछे उसके संघर्ष और क्रियान्वयन की ऐसी तमाम अनसुनी कहानियां है जो आज भी लोगों तक नहीं पहुंची है।
गुजरात के रहने वाले डॉ. अनिल रावल ने प्रधानमंत्री द्वारा उनके साथ 1980 के दशक में की गई यात्रा को साझा किया है। जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा था, “आखिर वो क्या कारण हैं जिससे आप आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति के लिए काम करने के लिए प्रेरित होते हैं?” इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने एक स्वयंसेवक के घर जाकर भोजन करने का की कहानी सुनाई।
डॉ रावल ने उस किस्से को बताया कि पीएम ने मुझसे कहा कि “मैं एक बार एक स्वयंसेवक के घर गया। उस स्वयंसेवक का घर एक झुग्गी वाला था। घर में वो, उनकी पत्नी और उनके बच्चे रहते थे। वहां एक थाली में मुझे खाना दिया गया। उसमें आधा बाजरे की रोटी और एक दूध की छोटी कटोरी दी गई।”
पीएम ने बताया, कि खाने के दौरान मैंने देखा कि मां की गोद में एक मुझे दिये गये दूध को लगातार देख रहा था। मुझे समझ आ गया कि यह दूध बच्चे के लिए है। मैंने आधी रोटी खाई और पीकर दूध छोड़ दिया।”
डॉ. रावल ने पीएम मोदी के हवाले से आगे लिखा “जब वह दूध बच्चे को दिया गया तो उसने एक सांस में ही दूध खत्म कर दिया। यह देख मेरी आंखों में आंसू थे। इसके बाद मैंने अपने मन में निश्चय किया मैं अपनी जिंदगी में आखिर में खड़े आदमी तक की बेहतरी के लिए काम करूंगा।