विपक्षी सदस्यों के विरोध और शोर शराबे के बीच लोकसभा में सोमवार को ‘निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक, 2021’ पास हुआ। बता दें कि इस विधेयक में मतदाता सूची में दोहराव और फर्जी मतदान रोकने के लिए आधार कार्ड को वोटर आई से जोड़ने का प्रस्ताव किया गया है। इसको लेकर लोकसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एआईएमआईएम, आरएसपी, बसपा जैसे दलों ने इस विधेयक को पेश किये जाने के दौरान विरोध भी किया।

वहीं कांग्रेस ने मांग की कि विधेयक को विचार के लिये संसद की स्थायी समिति को भेजा जाये। कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर ने कहा कि आधार को केवल आवास के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जा सकता है, यह नागरिकता के प्रमाण के रूप में नहीं है। ऐसे में इसे मतदाता सूची से जोड़ना पूरी तरह से गलत है। हम इसका विरोध करते हैं।

ओवैसी क्या बोले: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक लोकसभा में पेश करने पर कहा, “वोटर ID और आधार कार्ड को लिंक करना प्राइवेसी के खिलाफ है। इसे जोड़ कर आप चुनाव आयोग के स्वावलंबन पर सवाल उठा रहे हो। ये बिल अगर कानून बनेगा तो कल मोदी सरकार इस कानून के जरिए मतदाताओं पर दबाव डालेगी।”

अधीर रंजन चौधरी ने क्या कहा: लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह पुत्तुस्वामी बनाम भारत सरकार मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमारे यहां डाटा सुरक्षा कानून नहीं है और ऐसा अनुभव रहा है कि डाटा के दुरुपयोग किये जाने के मामले भी सामने आए हैं।’’ चौधरी ने इस विधेयक को वापस लिए जाने की मांग के साथ कहा कि इसे विचारार्थ संसद की स्थायी समिति को भेजा जाना चाहिए।

मनीष तिवारी ने क्या कहा: कांग्रेस के ही मनीष तिवारी ने कहा कि इस प्रकार का विधेयक लाना सरकारी की विधायी क्षमता से परे है। इसके अलावा आधार कानून में भी कहा गया है कि इस प्रकार से आधार को नहीं जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि वह इसका विरोध करते हैं और इसे वापस लिया जाना चाहिए।

केंद्र का जवाब: विपक्ष के विरोध के बीच विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सदस्यों ने इसका विरोध करने को लेकर जो तर्क दिये हैं, वे उच्चतम न्यायालय के फैसले को गलत साबित करने का प्रयास है। यह शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जन प्रतिनिधित्व कानून में संशोधन का प्रस्ताव इसलिए किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में पंजीकरण न करा सके तथा फर्जी तरीके से मतदान को रोका जा सके।