हरियाणा के फरीदाबाद में दबंगों द्वारा एक दलित परिवार को मंगलवार तड़के सोते समय कथित तौर पर जला डालने की घटना पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने कहा कि यहां पुलिस की तरफ से ‘घोर लापरवाही’ दिखती है। उसने फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त और उपायुक्त को कार्रवाई रिपोर्ट के साथ आगामी 26 अक्तूबर को तलब किया है।

घटना स्थल का दौरा करने और पीड़ित परिवार से मुलाकात करने के बाद आयोग के अध्यक्ष पीएल पूनिया ने कहा, ‘‘आज मैंने यहां आयोग के सदस्य ईश्वर सिंह के साथ गांव का दौरा किया। यहां पुलिस प्रशासन की ओर से घोर लापरवाही बरती गई है। हमने आगामी 26 अक्तूबर को पुलिस आयुक्त और जिले के उपायुक्त को कार्रवाई रिपोर्ट के साथ आयोग के समक्ष तलब किया है।’’

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दिल्ली से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित सुनपेड़ गांव में यह घटना हुई। पुलिस के अनुसार तड़के करीब दो बजे हमलावरों ने घर पर कथित रूप से पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी। इस घटना में ढाई साल के वैभव और उसकी 11 महीने की बहन दिव्या की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी। उनकी मां रेखा झुलस गयी जिनको इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया है जबकि उनके पिता जितेन्द्र भी परिवार को बचाने के प्रयास में झुलस गए।

पूनिया ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों में विवाद का इतिहास है। इस मामले के संज्ञान में आने के बाद हमने इसी जनवरी महीने में पुलिस उपायुक्त (बल्लभगढ़) से इस दलित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कहा था। उन्होंने इसका आश्वासन भी दिया था। आज हमने यही सवाल किया कि जब पुलिस सुरक्षा थी तो यह घटना कैसे हो गई। पुलिस प्रशासन ने बताया कि ड्यूटी पर तैनात सात पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। हमारा कहना है कि थाना प्रभारी पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।’’

आयोग के अध्यक्ष ने हरियाणा सरकार से आग्रह किया कि पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा और परिवार के किसी सदस्य को नौकरी दी जाए।

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