NCP पर किसका कब्जा होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि ज्यादा विधायक किस खेमे में जाएंगे। दोनों चाचा-भतीजे अजित पवार और शरद पवार ने आज पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई है। कहा जा रहा है कि 83 साल के शरद पवार को अपने अनुभव और लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता पर भरोसा है तो वहीं अजीत पवार गुट NCP विधायकों से “प्रैक्टिकल डिसीजन” लेने के लिए कह रहा है।
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अजित पवार (Ajit Pawar) गुट के नेताओं ने NCP विधायकों को आज होने वाली बैठक में आने के लिए कहा है। अजित गुट की तरफ से कहा जा रहा है कि इससे उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में मदद मिलेगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अजित पवार कैंप ने NCP नेताओं से कहा कि हमारे साथ आने पर आपको 2024 चुनाव में मदद मिलेगी। अगर आपके क्षेत्र में प्रोजेक्ट्स अधूरे हैं, फंड्स पास नहीं हुए हैं, हम आपको इन प्रोजेक्ट्स के लिए फंड दिलाने में मदद करेंगे।
अजित गुट की तरफ से यह भी कहा गया है कि वो शरद पवार का सम्मान करते हैं लेकिन इस समय जरूरत प्रैक्टिकल डिसीजन की है, अब समय बदल चुका है और उन्हें अब समय के साथ चलना चाहिए। मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि अजित गुट की बैठक में आने वाले विधायकों को एक शपथ पत्र साइन करने के लिए कहा जा रहा है। सूत्रों का दावा है कि इन शपथ पत्रों को चुनाव आयोग को देकर पार्टी के नाम और सिंबल पर दावा किया जाएगा।
क्या काम आएगे शरद पवार का सियासी अनुभव?
दूसरी तरफ शरद पवार (Sharad Pawar) गुट की तरफ से भी सभी नेताओं को मुंबई के वाई बी चव्हाण सेंटर में आने के लिए कहा गया है। शरद पवार महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर को अजित पवार और 8 विधायकों को अयोग्यता ठहराने के लिए याचिका सौंप चुके हैं। NCP की तरफ से चुनाव आयोग को भी कहा गया है कि साल 1999 में शरद पवार ने एनसीपी की स्थापना की थी। वो ही पार्टी के अध्यक्ष हैं और लीडरशिप में कोई चेंज नहीं हुआ है।