निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को घोषणा की है कि अजित पवार गुट ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) है। चुनाव निकाय का यह निर्णय पार्टी संस्थापक शरद पवार के लिए एक बड़ा झटका है। आयोग ने एक आदेश में अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह को एनसीपी के नाम के साथ ही पार्टी का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ भी आवंटित कर दिया। EC की इस घोषणा के बाद शरद पवार गुट ने कहा कि वह बुधवार को अपने संगठन के नाम और चुनाव चिह्न की घोषणा करेंगे। साथ ही यह भी कहा कि वह चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएगा।

शरद पवार की पार्टी के सूत्रों ने कहा कि नए नाम में ‘राष्ट्रवादी’ और ‘कांग्रेस’ शब्द बरकरार रहने की संभावना है। पार्टी के नए चुनाव चिन्ह के विकल्पों में ‘उगता सूरज’, ‘पहिया’ और ‘ट्रैक्टर’ शामिल हैं। चुनाव आयोग ने अपने आदेश में शरद पवार समूह से बुधवार शाम 4 बजे तक एक नए नाम का दावा पेश करने और तीन ऑप्शन देने के लिए कहा। दरअसल, महाराष्ट्र की छह सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव 27 फरवरी 2024 को होने हैं।

शरद पवार की बेटी और बारामती से लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, “चुनाव आयोग ने हमें आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए एक नया नाम और पार्टी तय करने के लिए कहा है। हम इसे बुधवार तक करेंगे।”

निर्वाचन आयोग का फैसला स्वीकार- अजित पवार

चुनाव निकाय ने कहा कि निर्णय में याचिका के सभी निर्धारित पहलुओं का पालन किया गया, जिसमें पार्टी संविधान के उद्देश्यों का परीक्षण, पार्टी संविधान का परीक्षण और संगठनात्मक तथा विधायी दोनों में बहुमत के परीक्षण शामिल थे। अजित पवार ने ‘X’ पर कहा, ”हमारे वकीलों द्वारा प्रस्तुत पक्ष को सुनने के बाद निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए फैसले को हम विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हैं।” शरद पवार गुट ने निर्वाचन आयोग के फैसले को लोकतंत्र की हत्या करार दिया।

आज शाम तक निर्धारित करेंगे नया नाम और चिन्ह

इसके साथ ही शरद पवार गुट की नेता सुप्रिया सुले ने कहा, ‘‘हम स्पष्ट रूप से दो काम कर रहे हैं। सबसे पहले, हम अगले 48 घंटों में उच्चतम न्यायालय जा रहे हैं। दूसरा, निर्वाचन आयोग ने हमें कल शाम तक तीन नाम और तीन चुनाव चिह्न देने का विकल्प दिया है, तो हम निश्चित रूप से ऐसा करेंगे।’’

अजित पवार का साथ दे रहे एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हम इस बात पर संतोष व्यक्त करते हैं कि मामला अब सुलझ गया है। निर्वाचन आयोग ने एक विस्तृत आदेश जारी किया है। अब कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।’’ दरअसल, अजित पवार पिछले साल जुलाई में एनसीपी के अधिकतर विधायकों के साथ अलग हो गए थे और उन्होंने महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना सरकार का समर्थन किया था। आठ अन्य विधायकों के शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने से दो दिन पहले उन्होंने निर्वाचन आयोग में याचिका दायर की थी।