नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार ने महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को एकमात्र विकल्प करार दिया है। उन्होंने शिवसेना नेता संजय राउत के उस दावे पर सवाल खड़े किए हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके पास 170 विधायकों का समर्थन है। शरद पवार का यह बयान राउत के दो हफ्ते में उनसे दूसरी मुलाकात के बाद आया है।

महाराष्ट्र में सरकार निर्माण को लेकर बीजेपी और शिवसेना आमने-सामने हैं। शिवसेना का कहना है कि मुख्यमंत्री का पद ढाई-ढाई साल के लिए दोनों के पास होना चाहिए। 24 अक्टूबर को आए चुनाव परिणाम के बाद दोनों दलों के बीच तस्वीर अबतक साफ नहीं हुई है। शिवसेना अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है। हाल ही में संजय राउत ने कहा था कि सरकार बनाने के लिए उनके पास 170 विधायकों का समर्थन है।

एनसीपी प्रमुख ने उनके इस बयान पर चुटकी ली और इस बात के संकेत दे दिए कि शिवसेना को उनकी और कांग्रेस पार्टी का समर्थन हासिल नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘मैं खुद संजय राउत से यह पूछना चाहता हूं कि उनके पास 170 विधायकों के समर्थन का आंकड़ा आया कहां से? जनता ने हमें (एनसीपी और कांग्रेस) को विपक्ष में बैठने के लिए वोट दिया है। हमारे पास 54 विधायक हैं और आप इसके साथ सरकार का गठन नहीं कर सकते।’

मालूम हो कि इससे पहले पवार ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस शिवसेना को बाहर से समर्थन दे सकती है। शिवसेना-एनसीपी अगर सरकार बनाते हैं तो कांग्रेस खुद को अलग रखते हुए सरकार गठन में अहम भूमिका निभा सकती है। हालांकि अभी तक इसपर तस्वीर साफ नहीं हो सकी है।

मालूम हो कि राज्य में 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा की गई थी, जिसके 13 दिन बाद भी कोई पार्टी सरकार गठन के लिए आवश्यक 145 सीटें नहीं जुटा पाई है। विधानसभा चुनाव में भाजपा को 105 सीटें और शिवसेना को 56 सीटें मिलीं।