राफेल डील पर पीएम नरेंद्र मोदी को घेर रहे कांग्रेस को करारा झटका लगा है। विपक्ष के बड़े नेता और अगले चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि लोग पीएम मोदी की नीयत पर शक नहीं करते हैं। एक मराठी न्यूज चैनल को दिये इंटरव्यू में पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार ने राफेल के मुद्दे पर कहा कि विपक्ष की ये मांग कि डील से जुड़े तकनीकी पहलुओं का खुलासा किया जाए इसका कोई मतलब नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि अगर सरकार एयरक्राफ्ट की कीमतें बताती हैं तो इसमें कोई नुकसान नहीं है। शरद पवार ने इंटरव्यू में कहा, “मुझे नहीं लगता लोगों को व्यक्तिगत रुप से मोदी की नीयत पर कोई शक है।” यूपीए सरकार में कृषि मंत्री रहे शरद पवार ने कहा कि इस मुद्दे पर रक्षा निर्मला सीतारमण ने सफाई दे इससे कन्फ्यूजन पैदा हुई। उन्होंने कहा कि अब इस मुद्दे पर रक्षा मंत्री के बजाय वित्त मंत्री अरुण जेटली को सफाई देते देखा जा सकता है।
बता दें कि राफेल डील पर कांग्रेस नरेंद्र मोदी सरकार पर जबर्दस्त तरीके से हमलावर है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर पीएम मोदी को ‘चोर’ भी करार दिया है। इधर बीजेपी भी इस मुद्दे पर पीछे हटने को तैयार नहीं है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को भाजपा पदाधिकारियों से कहा कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए पार्टी का बचाव करने की बजाए आक्रामकता से पेश आएं। 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए फ्रांस की दसाल्ट एविएशन के साथ हुए समझौते को लेकर भारतीय जनता पार्टी नीत राजग सरकार के खिलाफ निरंतर जारी हमले में कांग्रेस ने दावा किया है कि इस सौदे में प्रति विमान की कीमत पूर्व संप्रग सरकार द्वारा तय की गई कीमत की तुलना में तीन गुणा अधिक है। साथ ही पार्टी ने यह भी दावा किया है कि अनिल अंबानी के रिलायंस डिफेंस को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी कंपनी हिन्दुस्तान एअरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को फ्रांसीसी कंपनी के साथ ऑफसेट सौदे से बाहर रखा गया।
भाजपा की राज्य स्तरीय बैठक में गडकरी ने कहा, ‘‘रिलायंस डिफेंस दसाल्ट को कुछ पुर्जों की आपूर्ति करेगी। नागपुर में क्या (विमान) तैयार किया जाएगा और दसाल्ट का वेंडर कौन होगा यह उनका फैसला है।’’उन्होंने कहा कि दसाल्ट को पुर्जों की आपूर्ति कराने वाले कई अंतरराष्ट्रीय आपूर्तिकर्ता हैं। यह दसाल्ट का फैसला है कि वह अपने वेंडर के तौर पर किसे चुनते हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्ष इस सौदे को लेकर भ्रम पैदा करना चाहता है।