केरल में लव जिहाद के जरिये आतंकियों में धर्मांतरण की बात सामने आई है। इस संबंध में राष्ट्रीय जांच एजेंसी से जांच कराने के साथ ही नए कानून की भी मांग की गई है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष जॉर्ज कुरियन का आरोप है कि ईसाई महिलाओं का संगठित रूप से धर्मांतरण कराने के कई मामले आए हैं।
उन्होंने कहा कि यह ईसाई महिलाओं का इस्लाम में धर्मांतरण नहीं बल्कि इस्लामिक आतंकवाद में कन्वर्जन है। उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में आतंकी गतिविधियों में उन्हें कूरियर के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। इंडियन एक्सप्रेस से बुधवार को बातचीत में कुरियन ने कहा कि लव जिहाद जारी है।
यह राज्य में यह कुछ समय से जारी है। यहां इस्लाम में धर्मांतरण नहीं हो रहा है बल्कि आतंकवाद में कन्वर्जन हो रहा है। यहां तक कि मुस्लिम समुदाय भी इस पर आपत्ति जता रहा है। कुरियन ने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख मामले की एनआईए से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने ऐसे धर्मांतरण की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कानून लाए जाने की भी मांग की है।
शाह को लिखे पत्र में कुरियन ने दिल्ली की मलयाली ईसाई महिला के मामले का उल्लेख किया है। इस महिला को पश्चिमी एशिया के एक देश से अगवा किया गया था। उन्होंने कहा कि महिला के माता पिता ने इस बात की आशंका जताई थी कि उसे या तो भ्रमित किया गया है या उसे धोखा दिया या फिर उसका ब्रेनवॉश किया गया है।
उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय महिला के परिवार के साथ संपर्क में है और इस मामले को देख रहा है। कुरियन ने लिखा कि महिला के माता पिता की आशंका को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है क्योंकि पहले भी इसी तरह के मामले देखने में आए हैं। केरल में पहले भी हिंदुत्व संगठनों की तरफ से हिंदू महिलाओं को कथित रूप से ब्रेनवॉश कर मुस्लिम पुरुषों से शादी कराए जाने की शिकायतें आती रही हैं।
एनआईए ने भी ऐसे कुछ मामलों की जांच की थी। हालांकि, किसी भी मामले में एनआईए को कोई भी ऐसा सबूत नहीं मिला था जिससे जबरदस्ती शादी की बात साबित हो सके।