नौसेना ने शुक्रवार (29 दिसंबर) को एपॉलेट्स के नए डिजाइन का अनावरण किया। नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी इसे रीति-रिवाजों और परंपराओं में औपनिवेशिक विरासत के अवशेषों को मिटाने के प्रयासों के तहत अपनी वर्दी पर लगाएंगे। एक्स पर एक पोस्ट में नौसेना (Navy) ने कहा कि नई डिज़ाइन उसके नौसैनिक ध्वज (Naval Ensign) से लिया गया है और मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की राजमुद्रा से प्रेरित है, जो मराठों की समृद्ध समुद्री व्यापारिक विरासत को दर्शाता है।
4 दिसंबर को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में अपने नौसेना दिवस संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि सेवा के लिए नया डिज़ाइन पेश किया जाएगा।
एपॉलेट्स (Epaulette) क्या होता है?
सेना के उच्चाधिकारियों की वर्दी के कोट और जैकेट पर कंधे की तरफ कपड़े से बनी सजावटी डिजाइन को एपॉलेट्स कहते हैं। यह एक प्रकार की रंगीन डिजाइन है। यह रैंक का प्रतीक भी माना जाता है।
नया एपॉलेट्स (Epaulette) कौन लगाएगा?
नए एपॉलेट्स एडमिरल, वाइस एडमिरल, रियर एडमिरल, सर्जन वाइस एडमिरल और सर्जन रियर एडमिरल रैंक के लिए हैं। चिकित्सा अधिकारियों को छोड़कर, नौसेना में रियर एडमिरल और उससे आगे के रैंक के लगभग 100 अधिकारी होंगे। नौसेना के पास लगभग 12,000 अधिकारियों की स्वीकृत क्षमता है। इसमें से आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मौजूदा समय में लगभग 1,777 अधिकारियों की कमी है।
नए और पुराने एपॉलेट्स (Epaulette) में क्या अंतर हैं?
नए एपॉलेट्स में नया सुनहरा नेवी बटन है, जिसमें पिछले साल अनावरण किया गया नया नेवी क्रेस्ट, राष्ट्रीय प्रतीक के समर्थन के रूप में एक लाल अष्टकोण, और एक तलवार और एक दूरबीन है। चिकित्सा अधिकारियों के लिए भी एक लाल बॉर्डर है। समान रैंकों के लिए पहले के एपॉलेट्स में राष्ट्रीय प्रतीक के साथ रेड बैकिंग था, वह अष्टकोणीय (Octogonal) नहीं था। इसके अलावा एपॉलेट के ऊपर स्थित बटन नौसेना की पुरानी कलगी (Crest) को दर्शाता है जिसमें औपनिवेशिक युग का अवशेष एक फाउल्ड एंकर था।
पुराने एपॉलेट्स में एक बैटन (Baton) और एक तलवार होती थी, लेकिन नए एपॉलेट्स में एक भारतीय तलवार और एक दूरबीन है। नए एपॉलेट पर सितारे भी पुराने की तुलना में अलग तरह से डिज़ाइन किए गए हैं।
नए एपॉलेट्स (Epaulette) में क्या दिखाया गया है?
नए नेवी बटन में औपनिवेशिक युग का अवशेषों को हटाकर नई कलगी (Crest) है। नौसेना के अनुसार, लाल अष्टकोण (Octogonal) आठ प्रमुख दिशाओं को दिखाता है, जो सर्वांगीण दीर्घकालिक दृष्टि का सूचक है। यह नए नौसैनिक ध्वज से प्रेरित है। इसका पिछले साल अनावरण किया गया था और यह मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की राजमुद्रा से प्रेरित है, जिन्होंने विशाल मराठा नौसेना का निर्माण किया था, जिसके पास एक समृद्ध समुद्री विरासत है। नौसेना ने कहा कि भारतीय तलवार राष्ट्रीय शक्ति की अत्याधुनिक होने और प्रभुत्व के माध्यम से युद्ध जीतने, विरोधियों को हराने और हर चुनौती पर काबू पाने का प्रतिनिधित्व करती है, जबकि दूरबीन बदलती दुनिया में दीर्घकालिक दृष्टि, दूरदर्शिता और मौसम-दृष्टि का प्रतीक है।
क्यों किया गया बदलाव?
यह परिवर्तन भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से पिछले दो वर्षों में अपने औपनिवेशिक युग के अवशेषों, रीति-रिवाजों और परंपराओं को खत्म करने का प्रयास है। माना जा रहा है कि नौसेना जल्द ही अपने अधिकारियों की मेस और वार्डरूम में भारतीय पोशाकों को अनुमति देने जा रही है। अधिकारियों ने नौसैनिकों को ब्रिटिश विरासत में मिली रैंकों की भी समीक्षा की है और जल्द ही उनका भारतीयकरण करने की तैयारी है।
पिछले साल, ईसाई भजन ‘एबाइड विद मी’ को बीटिंग रिट्रीट समारोह से हटा दिया गया था और उसकी जगह ऐ मेरे वतन के लोगों ने ले ली थी। भारतीय सेना में भारतीय युद्ध नायकों, नेताओं और विचारकों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ सैन्य अभ्यास और कॉल संकेतों के लिए विदेशी नामों के उपयोग पर रोक लगाने के साथ-साथ सैन्य प्रशिक्षण में अधिक स्वदेशी ग्रंथों को शामिल करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।