लंबे इंतजार के बाद सिखों के धर्मस्थल करतारपुर साहिब के कॉरिडोर का शिलान्यास हो गया। पाकिस्तान की तरफ से प्रधानमंत्री इमरान खान, पाक सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, हरदीप सिंह पुरी और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी शिलान्यास कार्यक्रम में मौजूद रहे। इस मौके पर नवजोत सिंह सिद्धू भावुक दिखे। पाकिस्तान की इस पहल के बाद सिद्धू ने पीएम इमरान खान को प्यार का फरिश्ता बताया है।
इमरान खान की तारीफ में सिद्धू ने जमकर कसीदे पढ़े। उन्होंने कहा, ‘हिंदुस्तान जीवे, ते पाकिस्तान जीवे, प्यार और खुशहाली का फरिश्ता बनकर, मेरा यार इमरान खान जीवे’ सिद्धू ने आगे कहा, ‘बहुत नुकसान हो गया, बहुत आगजनी हो गई! कोई इस आग को बुझाने वाला चाईदा है, कोई इस पर पानी डालने वाला चाईदा है।’ सिद्धू ने कहा, ‘जब भी इस द्वार का इतिहास लिखा जाएगा, पहले पन्ने पर आपका नाम लिखा जाएगा’।
Navjot Singh Sidhu: Both the govts should realise that we have to move forward. My father used to tell me that Punjab Mail went till Lahore, I believe that it can go further till Peshawar, till Afghanistan. #KartarpurCorridor pic.twitter.com/SiZ07JRbN5
— ANI (@ANI) November 28, 2018
वहीं, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर भी करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास समारोह में उपस्थित थीं। हरसिमरत कौर इस मौके पर भावुक हो गईं। उन्होंने कहा कि, मेरे लिए यह धार्मिक यात्रा है, न कि राजनीतिक या कूटनीतिक। यह सब गुरु नानक देव जी की कृपा से संभव हुआ। मैं गुरु साहिब का धन्यवाद करती हूं कि उन्होंने मुझे इस काम के लिए चुना और मैं उनके आशीर्वाद की कामना करती हूं।
उन्होंने कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं यहां आ पाउंगी। गुरु जी, गुरु नानक ने ही यहां बुलाया है। यह सब बाबा गुरु नानक का चमत्कार है। उन्होंने कहा, ‘अगर बर्लिन की दीवार को झुकाया जा सकता है। तो भारत और पाकिस्तान के बीच शांति भी हो सकती है’। उन्होंने कहा, यह जो आज संभव हुआ है वह दोनों देश की सरकार की कोशिशों का नतीजा है। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में दोनों तरफ शांति होगी।
दूसरी ओर केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान द्वारा इस पहल के बाद कहा कि, ‘इस बात की खुशी है कि पाकिस्तान ने पहली बार सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इससे दोनों देश में बात हो पाएगी। आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकती’।
बता दें कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में अपने जीवन के 18 साल बिताए थे। करतारपुर साहिब में ही उनका निधन साल 1539 में हो गया था। भारत में स्थित गुरुद्वारा डेरा बाबा नानक में लगी दूरबीनों से करतारपुर गुरुद्वारे को देखा जा सकता है।