देश और दुनिया में जहां एक ओर आतंकी संगठन आईएसआईएस ने दहशत फैला रखी है तो वहीं भारत में याकूब मेमन मरने के बाद अपना खौफ बरपा रहा है। जी हां, हाल ही खबर मिली थी कि आतंकवादी याकूब की दया याचिका को खारिज करने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज को धमकी मिली है।
वहीं अब खबर आ रही है कि इस्लामिक स्टेट का प्रवक्ता बनने की ख्वाहिश जाहिर करने वाले पत्रकार जुबैर अहमद खान ने देश के पीएम मोदी को आतंकी करार दिया है। हालांकि दिल्ली पुलिस ने जुबैर को हिरासत में ले लिया है।
दरअशल, आतंकी संगठन का प्रवक्ता बनने की ख्वाहिश रखने वाले इस पत्रकार को गिरफ्तार करने के लिए मुंबई पुलिस ने तलाशी अभियान भी चलाया था। जुबैर अहमद खान ने याकूब मेमन को फांसी दिए जाने के बाद अपने सोशल मीडिया पोस्ट में भारत की नागरिकता छोड़कर इस्लामिक स्टेट से जुड़ने की इच्छा जताई थी, जिसने अपने ट्विटर पोस्ट में खुद के पत्रकार होने का दावा किया था।
मंगलवार को पुलिस ने इस शख्स की लोकेशन बांद्रा में ट्रेस की थी लेकिन यह पुलिस की गिरफ्त में आने से पहले ही फरार हो गया। कुछ दिन पहले किसी व्यक्ति ने पुलिस को इस शख्स के विवादित सोशल मीडिया पोस्ट के बारे में पुलिस को सूचना दी थी।
नवी मुंबई के पत्रकार जुबैर अहमद खान ने अपने ब्लॉग में पीएम मोदी को आतंकवादी बताया है। इतना ही नहीं इसी ब्लॉग में उसने अफजल गुरू, अजमल आमिर कसाब और याकूब मेमन को शहीद का दर्जा दिया है। इसके अलावा ब्लॉग में जुबैर ने कई भड़काउ बातें लिखी हैं।
जुबैर ने पिछले महीने 30 जुलाई को अपने ब्लॉग पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आतंकवादी बताते हुए खुद की पीठ थपथपाई है। उसने लिखा है, मैं राहुल गांधी की तरह राजनेता, अनिल अंबानी की तरह उद्योगपति और मोदी की तरह आतंकवादी नहीं हूं। मैं एक लेखक और पत्रकार हूं, जो पैसा कमाने के लिए आर्टिकल नहीं लिखता बल्कि मेरे लेखों में एक मुसलमान का दर्द बाहर आता है।
जुबैर ने ये भी लिखा है है कि उसके ट्वीट्स और पोस्ट को कुछ मीडिया हाउसेज ने सबके सामने ला दिया लेकिन इसके बावजूद वह इस्लामिक स्टेट फेवर में कही गई अपनी बातों पर कायम है। जुबैर के मुताबिक, मुझे इस मामले में किसी तरह का खौफ या गम नहीं है। उसने लिखा है कि याकूब ने दोस्त की तरह भारत सरकार की मदद की थी लेकिन उसका ही कत्ल कर दिया गया।
अहमद ने कहा है कि याकूब को फांसी देने में राजनीति हुई और अगर वह मुसलमान नहीं होता तो उसको फांसी नहीं होती। जुबैर ने लिखा है, अगर याकूब यश या यादव होता तो उसे हरगिज कत्ल नहीं किया जाता। मुसलमानों को भड़काते हुए उसने यहां तक लिखा है कि अगर मुसलमानों को बाजार में अनजान या लावारिस चीजें नजर आएं या कोई संदिग्ध आदमी दिखे तो वह पुलिस को इन्फॉर्म न करें।
उसने लिखा है कि मुसलमानों को अब भारत सरकार की चिकनी-चुपड़ी बातों में नहीं आना चाहिए। जुबैर ने लिखा कि वह पहले मुसलमान है और बाद में भारतीय। जुबैर ने सरकार को धमकी देते हुए लिखा है कि असली लड़ाई तो अब शुरू होगी। मैंने बहुत सोच समझकर आईएस में शामिल होने का फैसला किया है।
जुबैर ने अपने एक पोस्ट में सरकार पर निशाना साधते हुए पाकिस्तान का बचाव किया है। उसने सरकार से पूछा है कि वह आखिर कब तक हर हमले के लिए पाकिस्तान को दोषी बताती रहेगी। जुबैर ने फांसी की सजा पा चुके तीन आतंकियों को शहीद बताया है।
ये तीन नाम हैं, अफजल गुरू, अजमल आमिर कसाब और याकूब मेमन। अफजल गुरू को संसद हमले के मामले में फांसी दी गई थी। कसाब 26/11 हमलों में शामिल पाकिस्तानी आतंकी था और याकूब मेमन को पिछले महीने 1993 के मुंबई ब्लास्ट में शामिल होने का दोषी पाए जाने के बाद फांसी दी गई थी। लिहाजा ये तीनों आतंकी हमारे देश के दुश्मन हैं, जिन्हंने एक के बाद एक दहशत फैलाकर न जाने कितने ही मासूमी की जान ली है।