नेशनल हेराल्ड (National Herald) अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आज दूसरे दिन भी ईडी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पूछताछ की। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने ‘सत्याग्रह मार्च’ निकालने की कोशिश की। ये मार्च एआईसीसी मुख्यालय से निकाला जाना था। लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में लिया।
पुलिस ने कांग्रेस दफ्तर और ईडी मुख्यालय के आसपास धारा 144 लगा रखा है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पुलिस के अलावा पारा मिलिट्री के जवानों की भी तैनाती की गई है। ऐसे में ईडी के समन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरू होते ही पुलिस ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला और सांसद अधीर रंजन चौधरी सहित सैकड़ों नेताओं को हिरासत में ले लिया गया।
आरोप है कि मुख्यमंत्री बघेल के सुरक्षा अधिकारियों के साथ पुलिसकर्मियों के हाथापाई की। इसके बाद उनके वाहन को थाने ले जाया गया। वहीं हिरासत में लिए जाने से पहले अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ”हमें धक्का दिया जा रहा है और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। क्या यह लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों के साथ व्यवहार करने का तरीका है? राहुल गांधी के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। वह विजयी होकर वापस आएंगे। हम यहां अपने नेता के समर्थन के लिए हैं। यह हमारा राजनीतिक और नैतिक दोनों कर्तव्य है।”
वहीं अधिकारियों का आरोप है कि कांग्रेस नेताओं ने पुलिसकर्मियों को धक्का दिया। अधिकारी ने बताया, ”हमने कांग्रेस पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने की चेतावनी दी थी। फिर भी उन्होंने हंगामा करना जारी रखा। पुलिस को उसकी ड्यूटी करने में बाधा डाली। उनमें से कुछ हिरासत में लिए जाने का विरोध कर रहे थे। वहीं कुछ ने हमारे अधिकारियों को धक्का भी दिया।”
दिल्ली पुलिस और विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सागरप्रीत हुड्डा ने कांग्रेस नेताओं के सभी आरोपों से इनकार किया है। हुड्डा ने कहा, ”सभी महिला कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया गया था। तुगलक रोड पुलिस स्टेशन में कुछ शिकायतें थीं लेकिन ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। यदि कुछ हाथापाई के आरोप हैं, तो उचित कार्रवाई के लिए उस पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।”