AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को भारत का पहला आतंकी करार दिया है। उन्होंने हैदराबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे शहर हैदराबाद में लोग नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) की फोटो लेकर नाच रहे हैं और पुलिस खामोश बैठी है।

असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा, “हमारे शहर में कोई खड़े होकर कहता है कि मैं हिंदू राष्ट्र बनाऊंगा। हद तो यह हो गई कि शहर हैदराबाद में नाथूराम गोडसे की फोटो लेकर निकलते हैं। मुझे समझ नहीं आया कि भारत के सबसे पहले आतंकी का नाम नाथूराम गोडसे है, जिसने गांधी को गोली मारी। उसकी फोटो लेकर लोग नाच रहे हैं। कौन हैं ये जालिम लोग, जो गोडसे की फोटो लेकर नाच रहे हैं और पुलिस खामोश बैठी है।”

AIMIM चीफ यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई ओसामा बिन लादेन (Osama Bin Laden) का फोटो लेकर आए तो पुलिस उसके घर का दरवाजा तोड़ देगी। आज ये जालिम गोडसे की तस्वीर लेकर आए हैं, पुलिस कुछ नहीं करती। मीडिया चैनल वाले ऐसे खामोश होते हैं, जैसे इनके भाई जान की फोटो लगी हो। बताइए इतना सन्नाटा क्यों हो जाता है। गोडसे की फोटो लेकर हिंदू राष्ट्र बनाएंगे और हद तो ये हो गई कि बिहार में एक मदरसे को जला दिया।

AIMIM सांसद ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

महाराष्ट्र के औरंगाबाद से सांसद इम्तियाज जलील ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखकर रामनवमी से पहले औरंगाबाद शहर में हुई हिंसा की जांच बंबई उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराने से मांग की है।

उल्लेखनीय है कि 29 और 30 मार्च की दरमियानी रात में औरंगाबाद के किरादपुरा इलाके में एक उग्र भीड़ ने पुलिस के 13 वाहनों में आग लगा दी थी। AIMIM के नेता ने औरंगाबाद के जिलाधिकारी के मार्फत भेजे गए और मीडिया को शुक्रवार को जारी किए गए पत्र में कहा है कि पर्व से ठीक पहले हुई घटना का देश पर भयावह प्रभाव पड़ा।

जलील ने यह भी सवाल किया कि घटना की CCTV फुटेज क्यों नहीं उपलब्ध है, जबकि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत पूरे शहर में CCTV कैमरों का नेटवर्क है। पत्र में कहा गया है कि ऐसे कई अनुत्तरित प्रश्न हैं, जिसने ये संदेह पैदा किए हैं कि यह एक सुनियोजित झड़प थी और इसलिए प्रधानमंत्री को महाराष्ट्र सरकार को उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने का निर्देश देना चाहिए। (इनपुट- ANI/भाषा)