इंडिया न्‍यूज (उत्‍तर प्रदेश-उत्‍तराखंड) पर एक डिबेट शो में धर्मगुरू यती मां चेतना ने कहा- साध्‍वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने जो कहा है वो सत्‍य कहा है। इस देश को विचार करना चाहिए कि गांधी की हत्‍या करने के लिए पिस्तल कहां से लाई गई थी? बीजेपी प्रवक्‍ता हरीश श्रीवास्‍तव ने जवाब दिया- मुझे क्‍या पता? मैं तो तब पैदा भी नहीं हुआ था। उन्‍होंने कहा कि अगर कोई अपने को संत कहता है तो संत की भी एक मर्यादा है। यती मां का कहना था कि संतों को राजनीति में नहीं जाना चाहिए।

डिबेट बीजेपी सांसद द्वारा नाथू राम गोडसे को कथित रूप से देशभक्‍त बताए जाने के मुद्दे पर थी। इसमें सवाल उठाया गया था कि गांधी के देश में गोडसे से प्रेम क्‍यों? पार्टी लाइन से अलग क्‍यों चल रहीं प्रज्ञा सिंह ठाकुर? यती मां चेतना का तर्क था कि साधु-संतों को राजनीति में आना ही नहीं चाहिए।

बता दें कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर आरोप है कि उन्‍होंने 27 नवंबर को लोकसभा में बहस के दौरान डी. राजा के वक्‍तव्‍य के बीच में टोकते हुए बीजेपी सांसद साध्‍वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने गांधी के हत्‍यारे गोडसे को देशभक्‍त बताया था। उनकी टिप्‍पणी को सदन के रिकॉर्ड में शामिल नहीं किया गया था। भाजपा ने कहा- गोडसे को देशभक्‍त बताने का आरोप गलत है, लेकिन 28 नवंबर को कार्यकारी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने घोषणा की कि प्रज्ञा सिंह को रक्षा मामलों की संसदीय समिति से हटाया जाएगा।

28 नवंबर को भी लोकसभा में यह मुद्दा उठा। विपक्ष ने प्रज्ञा के बयान पर चर्चा की मांग की, लेकिन स्‍पीकर ने कहा कि जब बयान रिकॉर्ड में लिया ही नहीं गया है तो चर्चा की क्‍या जरूरत है? इस पर कांग्रेस ने वाकआउट किया।

पीएसपीएल की प्रवक्‍ता अल्‍पना वाजेपेई ने कहा कि भगवा पहनने वाले किसी शख्‍स को राजनीति में नहीं रखना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि गांधी ने जो भूमिका राष्‍ट्र के लिए निभाई, वैसी किसी साधू-संत की नहीं है। जब साध्‍वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने पिछली बार गोडसे को देशभक्‍त बताया था, तब भी यती मां चेतना ने गोडसे को हीरो बताया था। उनकी नजर में वह सनातन धर्म का रक्षक था।