पवन कुमार बंसल

सदियों पहले कुरुक्षेत्र में हुए महाभारत से पहले पांडवों ने कौरवों से जुआ खेलते हुए अपनी पत्नी द्रौपदी को दांव पर लगा दिया था। हरियाणा विधानसभा के चुनावों के लिए सोमवार को प्रचार थम गया। इन चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साख दांव पर है। मोदी ने भी चुनावों को प्रतिष्ठा का सवाल बनाते हुए प्रदेश में धुआंधार जनसभाएं कीं। भाजपा के पूरे प्रचार में भी कहा गया कि ‘चलो मोदी के साथ बनाएं हरियाणा में बहुमत की सरकार’।

नरेंद्र मोदी ने मतदाताओं से हरियाणा में लंबे समय से चल रही परिवारवाद की राजनीति को खत्म कर पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि उन्हें लंगड़ी नहीं, पूर्ण बहुमत वाली सरकार चाहिए। उनके भाषणों का सार प्रदेश की राजनीति से परिवारवाद और अपराधीकरण को खत्म करना रहा। टिकट वितरण को लेकर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने 46 प्लस का नारा दिया था। चुनाव प्रचार के शुरुआती दौर में उन्होंने जनसभाएं कीं जो कोई खास असर नहीं छोड़ पाईं। मोदी के कमान संभालने के बाद चुनावी रंग नजर आने लगा। मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और इनेलो अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला पर तीखे राजनीतिक हमले किए।

हरियाणा विधानसभा चुनावों में गीतिका शर्मा खुदकुशी कांड में मुकदमा भुगत रहे गोपाल कांडा और मॉडल जेसिका लाल हत्याकांड में सजा काट रहे मनु शर्मा के पिता विनोद शर्मा और उनकी पत्नी शक्ति रानी भी चुनाव लड़ रहे हैं। विनोद शर्मा व गोपाल कांडा ने अपनी-अपनी पार्टी बनाई हैं। हरियाणा के चर्चित लालों- बंसी लाल, देवी लाल, भजनलाल के परिवार के दर्जनभर लोग चुनाव लड़ रहे हैं।

प्रेम के फेर में कभी चांद मुहम्मद बने भजनलाल के पुत्र चंद्रमोहन भी चुनावी रण में हैं। कुलदीप बिश्नोई और उनकी पत्नी रेणुका भी चुनाव लड़ रहे हैं। शिक्षक भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा भुगत रहे अजय चौटाला और शेर सिंह बड़शामी की पत्नियां भी अपने पतियों की जगह चुनावी समर में हैं और कह रही हैं कि उनके पतियों के साथ अन्याय हुआ है जिसका बदला वोट से लेना है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपनी सारी ताकत चुनाव के आखिरी दिनों में पुराना रोहतक जिले के अपना किले, जिसमें झज्जर व सोनीपत जिले भी आते हैं, को बचाने में लगाई।

चुनाव में विभिन्न दलों से दो दर्जन जमीन के धंधे से जुड़े नेता भी चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। हरियाणा जनहित कांग्रेस से दलबदल कर कांग्रेस में गए पांच विधायकों, जिनकी सदस्यता पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने रद्द कर दी है, भी चुनाव लड़ रहे हैं। खराब सेहत का हवाला देकर जमानत पर चल रहे ओमप्रकाश चौटाला ने भी कई दिन तक प्रचार किया जिसका दिल्ली हाई कोर्ट ने कड़ा नोटिस लिया। कोर्ट के आदेश पर उन्हें आत्मसमर्पण करना पड़ा। चुनाव प्रचार के दौरान ओमप्रकाश चौटाला का बयान कि वे तिहाड़ जेल से ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, काफी चर्चित रहा। नरेंद्र मोदी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस बयान को काफी उछाला।

ओमप्रकाश चौटाला ने खुलेआम आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी ने उनकी पार्टी की लोकप्रियता से घबराकर सीबीआइ का दुरुपयोग कर उनके खिलाफ साजिश की है। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में चुनाव लड़ा है। लेकिन किरण चौधरी, कैप्टन अजय सिंह और रणदीप सुरजेवाला भी प्रचार करते रहे कि वे भी मुख्यमंत्री की दौड़ में हैं। कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर भी कहते रहे कि इस मामले का फैसला आलाकमान करेगा।