कांग्रेस द्वारा 70 के दशक में दिए गए ‘गरीबी हटाओ’ नारे को हकीकत में नहीं बदल पाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गरजते हुए दावा किया कि पिछले 50 सालों में जो काम नहीं हो पाया, उसे वह 50 महीने में पूरा करके दिखाएंगे। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस का नाम लिए बिना उसे ललकारते हुए कहा कि जिन्होंने पिछले 40-50 साल में गरीबों के खाते तक नहीं खोले और उनकी अहमियत नहीं समझी, वो उनसे हिसाब मांग रहे हैं।
वाराणसी में रिक्शा चालकों को 501 पैडल और 101 ई रिक्शे तथा सोलर लैम्प वितरित करने के एक समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि पिछले 60 सालों से हम गरीबों के कल्याण की केवल बातें करते रहे लेकिन जितनी मात्रा में इसके परिणाम आने चाहिए थे, गरीबों की जिंदगी में जो बदलाव आने चाहिए थे, वे नहीं आए।
कांग्रेस के ‘गरीबी हटाओ’ नारे पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि हम गरीबी उल्मूलन के कार्यक्रम के बारे में 40-50 वर्षो से सुनते आ रहे हैं। राजनीति में गरीबों और गरीबों के कल्याण के बारे में बात करना एक परंपरा बन गई है जो बंद होनी चाहिए।’’
अपने संबोधन में कांग्रेस का सीधे नाम लिये बिना मोदी ने कहा, ‘‘अच्छा होता अगर 40-50 साल पहले (गरीबों के खाते) खोल दिये जाते, तब आज उसे ऑपरेट करने की जरूरत नहीं होती। आपने जो काम 50 वर्षो में नहीं किया, वो काम मैं 50 महीने में करूंगा। मैं यहां यह बताने आया हूं।’’
उन्होंने जनधन योजना का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘बैंकों के राष्ट्रीयकरण के 40-50 साल गुजरने के बाद भी कोई गरीब बैंकों के दरवाजे पर नहीं दिखाई दे रहा है। इस सवाल को पिछले 50 सालों में किसी बुद्धिमान व्यक्ति ने नहीं उठाया। हमने यह बीड़ा उठाया है।’’
कांग्रेस का नाम लिए बिना उन्होंने उस पर निशाना लगाना जारी रखते हुए कहा, ‘‘मैं हैरान हूं… जिन्होंने कभी गरीबों के खाते नहीं खोले, गरीबों को कभी अहमियत नहीं दी, वो हमसे हिसाब मांग रहे हैं। वो कह रहे हैं कि खाते ऑपरेट नहीं हो रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इसके लिए किसी सरकार या दल को दोष नहीं देना चाहते हैं। लेकिन इतना तय है कि कोई गरीब अपने बच्चों को विरासत में गरीबी नहीं देना चाहता है। ऐसे में हमें गरीबों को लेकर गरीबी से मुक्ति का अभियान चलाना होगा।
पिछले आठ महीने में अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी की पहली यात्रा पर आए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने जनधन योजना पेश की है, हमने यह बीड़ा उठाया है कि गरीब बैंक के दरवाजे तक पहुंचे। ‘‘इस योजना के शुरू होने के बाद से 18 करोड़ गरीबों के बैंक खाते खुल गए हैं।’’
उन्होंने कहा कि वैसे तो यह बिना किसी पैसे के खाता खोलने की योजना थी लेकिन ‘गरीबों की अमीरी’ देखिए, गरीबों ने इसमें 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक रकम जमा की। उन्होंने कहा कि इससे गरीबों में पैसा जमा करने की इच्छा जगने लगी है। उनके अनुसार गरीबों के कल्याण के लिए, कुछ अच्छा करने की चाहत में…इस मूलभूत बात को ध्यान में रखना जरूरी है कि हम वह कौन सी चीजें करें कि गरीबों को राहत मिले।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों को हुनरमंद बनाना इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि कोई भी गरीब अपने बच्चों को विरासत में गरीबी नहीं देना चाहता है। गरीबों के हुनरमंद बनने से उनकी कमाई बढ़ेगी और जीवन स्तर सुधरेगा। ‘‘हमारा प्रयास इसी दिशा में है।’’
रिक्शा चालकों से बातचीत में मोदी ने कहा कि काशी का पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्व है क्योंकि यहां पर दुनियाभर से लोग आते हैं। काशी कैसी है, यहां के लोग कैसे हैं, इसका परिचय हमें यहां के रिक्शा वालों से मिल जाता है और लोग कहते हैं कि इनका कितना अच्छा व्यवहार है, कितने प्यार से बात करते है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि रिक्शा चालकों को बैंकों के माध्यम से पैडल और ई रिक्शा प्रदान करने की पहल एक छोटी-छोटी पहल है लेकिन इन छोटी पहलों से बड़े बदलाव आते हैं। उन्होंने रिक्शा चालकों से अपने बच्चों को पढ़ाने का आहवान करते हुए कहा, ‘‘सभी रिक्शा वालों से आग्रह करता हूं कि कोई भी परेशानी हो, मेरे प्रति नाराजगी का भाव भी हो, तब भी अपने बच्चों को पढ़ाने में कोताही न करें।
उन्होंने कहा कि गरीबी से लड़ने का सबसे बड़ा औजार शिक्षा है। शिक्षा से देखते ही देखते स्थिति बदलनी शुरू हो जायेगी। बच्चों की पढ़ाई में कोई समझौता नहीं करें।
मोदी ने इस दौरान ‘रक्षा बंधन को सुरक्षा बंधन’ में परिवर्तित करने की पहल की सराहना की जिसके तहत प्रधानमंत्री जन सुरक्षा योजना को आगे बढ़ाया जा रहा है।
इस कार्यक्रम का आयोजन रिक्शा संघ ने किया था और इसमें उत्तरप्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, राज्य के कारागार मंत्री बलराम यादव और आईडीबीआई एवं सिडबी के प्रबंधन निदेशक के अलावा यूको बैंक के कार्यकारी निदेशक एवं अमेरिकन फाउंडेशन के प्रतिनिधि मौजूद थे।