पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार (6 अगस्त) को एक इंडोर स्टेडियम से लोगों के सवालों के जवाब दिए। इस मौके पर पीएम मोदी ने फर्जी गौसवकों पर भी हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि गौसवकों के नाम पर लोगों ने अपनी दुकानें खोल ली हैं। पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें यह सब देखकर बहुत गुस्सा आता है। मोदी ने बताया कि कुछ लोग रात में गैर कानूनी काम करते हैं और दिन में गौसेवक बन जाते हैं। मोदी ने राज्य सरकारों से ऐसे लोगों का लेखा-जोखा तैयार करने को भी कहा। मोदी ने दावा किया कि 70-80 प्रतिशत लोग नकली गौ-सेवक हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘आपको जानकर हैरानी होगी कि ज्यादातर गाय कत्ल की वजह से नहीं प्लास्टिक खाने से मरती हैं। एक बार मैंने देखा कि एक गाय के पेट में से पूरे दो बाल्टी प्लास्टिक निकला। ऐसे गौ सेवकों से मेरा अनुरोध है कि वे गाय का प्लास्टिक खाना बंद करवा दें और लोगों द्वारा प्लास्टिक फेंकना बंद करवा दें तो वह असली सेवा होगी।’
हालांकि, मोदी से गौ रक्षा के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया था लेकिन फिर भी पीएम ने इसपर बोला। इससे पहले कार्यक्रम में पीएम मोदी ने PMO का ऐप लॉन्च किया। इस कार्यक्रम में उन लोगों को भी बुलाया गया जिन्होंने मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी को अपने सुक्षाव दिए थे। सरकार की तरफ से कई तरह की प्रतियोगिता समय-समय पर करवाई गई थीं। जिसमें एक भारत श्रेष्ठ भारत, ड्यूटी ऑफ सिटिजन, इंडिया अफ्रीका क्विज शामिल थीं। इसमें जीतने वाले सभी लोगों को पीएम मोदी की तरफ से पुरस्कार दिए गए। प्रथम आने वालों को 1 लाख रुपए का पुरस्कार दिया गया। इसके साथ ही पीएम ने उन 6 लोगों को भी सम्मानित किया जिन्होंने मोबाइल ऐप बनाया है।
#WATCH PM Narendra Modi's strong criticism against so called "gau rakshaks" (cow protectors) in the nation.https://t.co/qF3vbbjnJv
— ANI (@ANI) August 6, 2016
सवाल: गुड गवर्नेंस से आपका क्या अभिप्राय है। लोगों का कहना है कि यह खराब राजनीति है।
जवाब: हमारे देश में लोकतंत्र है। लोग एक बार वोट देकर पांच साल के लिए उन्हें देश चलाने का कॉन्ट्रेक्ट दे देते हैं। अगर उसने बताए गए काम नहीं किए तो फिर अगले चुनाव में किसी और को वोट देकर दूसरे को कॉन्ट्रेक्ट दे दिया जाता है और कहा जाता है तुम कर दो। यह ठीक नहीं है। ऐसे लोकतंत्र नहीं पनप सकता। इसलिए जनभागीदारी वाला लोकतंत्र होना चाहिए। तकनीक की वजह से सब संभव हुआ है। आज जो स्वच्छ भारत अभियान चल रहा है वह जनभागिदारी का सबसे अच्छा उदाहरण है। सब कुछ ना कुछ करने की कोशिश करते हैं। देश में माना गया है कि गुड गवर्नेंस बुरी है। ज्यादातर लोगों का चुनाव जीतने के बाद ध्यान इस बात पर रहता है कि अगला चुनाव कैसे जीतें। इसी तरह से वह रणनीति बनाते हैं। ऐसे में वह उद्देश्य पीछे छूट जाता है जिसको लेकर कारवां चलता है। देश में बदलाव लाने के लिए जितना महत्व नीतियों का है उतना ही महत्व इस चीज का है कि उसे लोगों तक कैसे पहुंचाया जाए। ऐसा नहीं होगा तो कुछ दिन तो वाहवाही होगी लेकिन स्थिति में बदलाव नहीं होगा। मानिए सरकारी पैसे का इस्तेमाल करके एक अच्छा हॉस्पिटल बनाया गया, लेकिन अगर एक मरीज को उसका ठीक से लाभ ना मिले तो ऐसे विकास का क्या फायदा। ऐसे में गुड गवर्नेंस के ना होने से सब बेकार हो जाएगा। किसी पंचायत, नगर पालिक, महापालिका, राज्य में कुछ भी हो तो प्रधानमंत्री से जवाब मांगा जाता है। यह राजनीति के लिए ठीक है। किसी प्रधानमंत्री को तकलीफ हो वह ठीक है, होनी भी चाहिए। लेकिन ऐसे में राज्य, पंचायत को अपनी जिम्मेदारी से भागना नहीं चाहिए। जिसकी जो जिम्मेदारी है उससे उसका हिसाब मांगना चाहिए। ना ऊपर ना नीचे।
टूरिज्म को बढ़ावा देने पर बोले: ताज महल पर इंवेस्टमेंट किसने किया होगा ? उस वक्त अगर अखबार निकलते होंगे तो आया होगा कि कैसा राजा है कि लोग भूखे मर रहे हैं और ताज महल बना रहा है। मजदूरों के बारे में आया होगा। वही ताज महल आज लाखों लोगों के रोजगार का कारण बन गया है।
सुचित्रा राघवचारि का सवाल: हेल्थ इज वेल्थ पर क्या सोचते हैं?
जवाब: यह जो मैं स्वच्छता अभियान के पीछे लगा हूं यह बिमारी के खिलाफ लड़ाई है और गरीब लोगों को बचाने के लिए है। अगर गरीब परिवार स्वच्छ रहे तो परिवार के हालात बुरे हो जाते हैं। अगर एक ऑटोवाला बीमार हो जाए तो तीन दिन तक कमाने नहीं जा पाता। ऐसे में परिवार पर आर्थिक संकट आ जाता है।
इसके अलावा पीएम ने टीकाकरण को बढ़ावा देने की बात कही।
शालीन, गुड़गांव: किसान की जिंदगी कैसे अच्छी हो? सरकार किसानों के लिए क्या कर रही है? किसान का बेटा अपनी मर्जी से नहीं मजबूरी में किसान बनता है। ऐसा क्यों है ?
जवाब: सोचना होगा कि कृषि के बारे में लोगों को ज्यादा से ज्यादा कैसे बताया जाए। हमने मिट्टी का हेल्थ कार्ड बनवाया है। इससे किसान को पता लगेगा कि उसके खेत की मिट्टी की कमी, ताकत क्या है। अनाप-शनाप दवाईयों का उपयोग रोकना होगा। धान की खेती कीजिए, खेत के बॉर्डर पर टिंबर की खेती करें और पशुपालन करें। जैसे मछली पालन। ऐसे में आकाल आने पर भी संकट नहीं होगा।
सवाल: निर्मल जोशी मध्यप्रदेश, सरकार स्मार्ट सिटीज की बात करती है लेकिन स्मार्ट विलेज के बारे में क्या ?
जवाब: इसपर लोग राजनीति करते हैं। स्मार्ट सिटी कहूंगा तो कहेंगे गांव क्यों नहीं कर रहे। स्मार्ट विलेज कहूंगा तो कहेंगे सिटी क्यों नहीं कर रहे। मैं सोचता हूं कि गांव को वे सभी सुविधाएं मिलें जो शहर को मिलती हैं। गांव को मरने नहीं देना है। वहां मेहमान एक परिवार का नहीं पूरे गांव का आता है।
विदेश नीति का सवाल: विदेश नीति में भी भारत की भलाई पहले नंबर पर होती है। आज दुनिया के सभी देश एक दूसरे पर डिपेंड करते हैं। मैं मन से सवा सौ करोड़ देशवासियों से जुड़ा रहता हूं। इसलिए थकता नहीं हूं। उनके सपने, उनकी स्थिति मुझे थकने नहीं देती।
टूरिज्म पर: समुद्र देखकर कोई भारत नहीं आएगा। इससे अच्छे समुद्र तट दुनिया के दूसरे कोनों में हैं। अगर हम अपनी चीजों की विविधता को ठीक से पहचानने लगेंगे तो दुनिया को पागल कर सकते हैं। तमिलनाडु के एक कोने से दूसरे कोने में इडली के 10 टेस्ट बदल जाते हैं। वहीं बाहर के देशों में एक कोने से दूसरे कोने में भी पिज्जा हट होता है और सबका टेस्ट एक जैसा है।
स्वंय सेवा पर: भारत में सामाजिक काम करना हमारी संस्कृति में है। यह सिखानी नहीं पड़ती। लेकिन अब समाज सेवा के साथ मेरा क्या ? यह जुड़ गया है। बाबा साहेब इतने पढ़े-लिखे लेकिन दलित होने की वजह से उन्हें भारत में इज्जत नहीं मिली, लेकिन फिर भी भारत छोड़कर नहीं गए। गांधी जी, सरदार वल्लभ पटेल ने भी देश के लिए सब कुछ छोड़ा।
ऐप में क्या है खास: दस भाषाओं में ऐप। इसके साथ ही इससे सरकारी संस्थाओं में धनराशि भी दान की जा सकेगी।
यह किसी भारतीय पीएम की ओर से किया गया पहला टाउनहॉल होगा। यह कार्यक्रम सरकार और जनता के बीच आपसी तालमेल बढ़ाने के प्लेटफॉर्म मायजीओवी (MyGov) के दूसरी सालगिरह के मौके पर आयोजित हो रहा है। इस मौके पर नया ऐप भी लॉन्च किया जाएगा। यह ऐप मोबाइल यूजर्स को पीएमओ से जुड़ने की सहूलियत देगा। बता दें कि आम तौर पर पश्चिम के नेता और कंपनियों के सीईओ टाउनहॉल के जरिए लोगों से सीधे रूबरू होते हैं। मई 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने एक पोर्टल MyGov.in की शुरुआत की थी। मकसद यह था कि आम आदमी भी पीएमओ से संपर्क कर सके और गुड गवर्नेंस को लेकर अपने सुझाव या आइडिया सरकार से साझा कर सके। वेबसाइट के सीईओ गौरव दि्ववेदी का कहना है कि टाउनहॉल में हिस्सा लेने वाले लोगों का चुनाव MyGov.in पोर्टल के रेगुलर यूजर्स के बीच से ही किया गया है। उनका चुनाव उनकी ओर से दिए गए आइडिया, पूछे गए सवाल और दिए गए सुझावों के आधार पर हुआ है।
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The PMO App has been launched by Prime Minister @narendramodi. pic.twitter.com/oEIVa5ouYe
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Celebrating 2 years of MyGov. FM @arunjaitley sharing his insights during one of the sessions. pic.twitter.com/QILdVr80uG
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4th session on 'Dissemination' concludes. Now awaiting PM @narendramodi's arrival— MyGovIndia (@mygovindia) August 6, 2016
Digital governance is the future and @mygovindia will be the facilitator!#MydayatMyGov
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11:45 am: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रसाद ने बताया कि 24 लाख लोगों ने स्मार्ट सिटी के लिए सुझाव मांगे। 70 हजार से ज्यादा लोगों ने आम बजट के लिए अपने सुझाव दिया जो एक बेहद अच्छी बात है। प्रसाद ने कहा, ‘मायजीओवी मूलत: उन लोगों के लिए है जो देश के बारे में सोचते हैं। उनके लिए भी जो आगे का रोडमैप सुझाते हैं। करीब 35 लाख लोग मायजीओवी प्लेटफॉर्म पर आए, जो एक बड़ी खबर है।’