Lok Sabha Election 2019: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक लाहौर जाने और नवाज शरीफ से मिलने की पूरी कहानी बतायी। इंडिया टीवी के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “नवाज शरीफ हमारे शपथ समारोह में आए थे। जिस दिन मैं रूस गया था, उसके दूसरे दिन अफगानिस्तान गया था। मेरा वहां का कार्यक्रम था। शाम में मुझे हिंदुस्तान लौटना था क्योंकि 25 दिसंबर को अटल जी के जन्मदिन का कार्यक्रम था। मैंने जन्मदिन की बधाई के लिए काबुल से नवाज शरीफ को फोन किया था। मैंने कहा, ‘मियां साहब कहां हो…’, तो उन्होंने कहा, ‘मैं लाहौर हूं’। मैंने कहा, यार तुम कमाल हो, कभी रावलपिंडी रहते हो तो कभी लाहौर रहते हो। इस पर उन्होंने (नवाज) कहा, ‘मेरी भांजी की शादी है, इसलिए मैं लाहौर आया हूं। परिवार के सबलोग यहां हैं।”
पीएम मोदी ने आगे कहा, “नवाज ने मुझसे पूछा कि आप कहां हैं?’ मैंने कहा कि काबुल हूं और हिंदुस्तान जा रहा हूं। तब उन्होंने कहा, ‘आप यहां होकर जाइए।’ मैंने कहा, ‘अचानक कार्यक्रम कैसे बनाएं।’ तब उन्होंने कहा, ’10 मिनट के लिए आइए’। अब मैंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को फोन किया और कहा, ‘मैं तो धर्मसंकट में फंसा हूं। मैंने बधाई देने के लिए फोन किया और उनका (नवाज शरीफ) बड़ा आग्रह है। मेरा मन करता है कि जाएं तो अच्छा रहेगा, आपका क्या मत है?’ इस पर सुषमा स्वराज ने कहा, ‘मुझे अच्छा लगता है कि आप ही ये तय करो।’ बाद में जब मैंने एसपीजी, एनएसए को बुलाया तो सब परेशान थे कि हमारे पास न तो वीजा है, न सुरक्षा प्रबंध है और न हीं वहां कोई अता-पता है। मैंने कहा कि चलो यार, देखा जाएगा।”
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Everybody was worried since the officials had no visas nor were there any security arrangements in place, nor anybody knew about the layout (of the place). We will have to land straight. I said, come on, let’s go: PM @narendramodi on his surprise visit to Lahore pic.twitter.com/VZDW7myw9C— India TV (@indiatvnews) May 4, 2019
मोदी ने आगे कहा, “हम लाहौर गए। वहां पहुंचे तो उन्होंने कहा कि मेरे हेलिकॉप्टर में मेरे घर जाना होगा। सामान्यत: एक देश का मुखिया दूसरे देश के जहाज में नहीं बैठता है। सोचता है 50 बार। मैंने कहा चलो यार। उनके हेलिकॉप्टर में गए। उनके परिजनों से मिले। चाय भी पी और बातें भी हुई। इससे पूरे पाकिस्तान में यह संदेश गया कि भारत उस देश का बुरा नहीं चाहता है। और मेरे एक घंटे के दौरे की ये सबसे बड़ी सफलता थी। वहां के आम आदमी के दिल में जो झूठ फैलाया गया था, उसको संदेश चला गया कि हिंदुस्तान पाकिस्तान की जनता का भला चाहता है।”
नरेंद्र मोदी ने कहा, “हम वापस आए लेकिन एक ही हफ्ते में पठानकोट हो गया। नवाज शरीफ को शपथ समारोह में बुलाना और काबुल से लौटते समय पाकिस्तान जाना, इन दोनों घटनाओं की वजह से विश्व को पठानकोट, उरी और उसकी बाद की घटनाओं को लेकर समझाने में किसी तरह मेहनत ही नहीं पड़ रही है। दुनिया मान रही है कि मोदी सच है। इसने कोशिश की थी। ये गड़बड़ पाकिस्तान की है। इन दोनों घटनाओं से हिंदुस्तान को आने वाले कई वर्षों तक फायदा होगा।”