Narendra Modi Oath Ceremony: नरेंद्र मोदी ने आज शाम राष्ट्रपति भवन में लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है। वहीं, उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार में इस समय कैबिनेट मंत्री और कभी मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में सबसे युवा मंत्रियों में से एक जितिन प्रसाद ने करीब 10 साल बाद फिर से केंद्र की कैबिनेट में वापसी कर ली है। वह मोदी की टीम में शामिल हो गए हैं।
दो बार के सांसद, केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश की सरकार में मौजूदा मंत्री रह चुके जितिन प्रसाद ने लोकसभा इलेक्शन में समाजवादी पार्टी के पांच बार के पूर्व विधायक भगवत सरन गंगवार को करारी शिकस्त दी। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने वरुण गांधी का टिकट काटकर जितिन प्रसाद पर भरोसा जताया था और वह पार्टी की उम्मीदों पर खरा भी उतरे हैं।
जितिन प्रसाद ने साल 2004 में शुरू किया राजनीतिक जीवन
कभी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले जितिन प्रसाद ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 2004 में राहुल गांधी के साथ ही की थी। उन्होंने इससे पहले यूपी के शाहजहांपुर और धौरारा लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ा है। हालांकि, इस बार उन्होंने पीलीभीत से जीत दर्ज की है। जितिन प्रसाद 31 साल की उम्र में पहली बार संसद के सदस्य बने थे, लेकिन 2008 में यूपीए सरकार में वे सबसे युवा मंत्रियों में से एक थे। श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (SRCC) और इंटरनेशनल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट से पढ़े जितिन प्रसाद ने यूपीए-1 और यूपीए-2 सरकार के दौरान इस्पात और पेट्रोलियम जैसे जरूरी मंत्रालयों का जिम्मा संभाला।
यूपी सरकार में जितिन प्रसाद को मिला अहम पद
जितिन प्रसाद ने ब्राह्मण चेतना परिषद का गठन किया और 2020 में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान ब्राह्मणों के खिलाफ हुए अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए पूरे यूपी की यात्रा की और समुदाय के सामने आने वाले मुद्दों पर काफी मुखर रहे। 2021 में कांग्रेस से अलग होकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। इसके बाद उन्हें कैबिनेट में जगह दी गई और लोक निर्माण विभाग का जिम्मा दिया गया।
साल 2022 में जब बीजेपी सरकार दूसरी बार यूपी में सत्ता में आई तो जितिन प्रसाद राज्य में फिर से मंत्री बने और एमएलसी के सदस्य के रूप में भी उन्होंने काम करना जारी रखा। पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जितिन प्रसाद के समर्थन में पीलीभीत में लोगों की सभा को संबोधित किया। वहीं, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने प्रचार अभियान के दौरान अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए कई रैलियां की। प्रसाद ने 2024 का लोकसभा चुनाव 1.6 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीता।