बीते शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की श्रीलंका यात्रा के दौरान जाफना में उनकी सुरक्षा में कड़ी चूक देखने को मिली जब एक श्रीलंकाई युवक उनसे हाथ मिलाने के लिए करीब पहुंच गया। पर वह हाथ मिलाने से पहले ही पकड़ लिया गया। प्रधानमंत्री एक समारोह के बाद अपनी कार की ओर जाने वाले थे तभी यह घटना हुई।

सूत्रों का कहना है कि स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप (एसपीजी) इस घटना की पड़ताल कर रहा है। जांच में पाया गया है कि सुरक्षा घेरे के दो अफसर इसके लिए जिम्मेदार हैं। इस घेरे के एक भाग को भेदकर ही यह युवक प्रधानमंत्री तक पहुंचा था। प्रधानमंत्री कार्यालय इस जांच की निगरानी कर रहा है। रॉ के अलावा विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय भी इस जांच का हिस्सा हैं। ये सभी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि किस स्तर पर सुरक्षा में चूक हुई।

14 मार्च को शाम चार बजे के करीब प्रधानमंत्री मोदी तमिल आबादी वाले इलाके के एक गांव लावल्लेई में माहिला लाभार्थियों को घरों के प्रमाणपत्र देने के समारोह के बाद लौट रहे थे। वे अपनी कार में बैठने के लिए मंच के पीछे की ओर गए। जैसे ही वे सफेद रंग की एसयूवी में बैठने के लिए बढ़े, तकरबीन 20 साल का एक युवक, जो ट्राउजर्स और शर्ट में था, उनकी ओर बढ़ा। वह युवक उनसे हाथ मिलने वाला ही था कि सुरक्षा कर्मियों ने उस पकड़ लिया। सूत्रों का कहना है कि वह युवक मोदी के करीब तक तो चला गया, पर उन्हें छू नहीं सका।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की श्रीलंका यात्रा के दौरान जाफना में उनकी सुरक्षा में कड़ी चूक देखने को मिली

 

सूत्रों का कहना है कि इस युवक ने सुरक्षा कर्मियों को बताया कि वह प्रधानमंत्री मोदी से हाथ मिलाना चाहता था और एक तस्वीर खिंचवाना चाहता था। शुरुआती जांच के बाद एसपीजी के अधिकारियों ने इस युवक को श्रीलंकाई पुलिस के हवाले कर दिया। एसपीजी और श्रीलंकाई पुलिस ने इस युवक से पूछा कि इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद वह इस स्थान तक पहुंचने में कैसे कामयाब हुआ। पूछताछ में युवक ने कुछ लोगों के नाम बताए। उसने जाफना में तैनात दूतावास के एक अधिकारी का नाम भी लिया।

भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि स्थानीय पुलिस ने युवक से पूछताछ के बाद उसे रिहा कर दिया है। अधिकारी ने बताया कि श्रीलंकाई पुलिस ने भारतीय अधिकारियों को पूरा सहयोग दिया।

यह आयोजन स्थल जाफना से 16 किलोमीटर दूर स्थित गांव में था। सुरक्षा के लिहाज से आयोजन स्थल को जाने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया गया था। गांव में एक अस्थाई मंच निर्मित किया गया था। लाभार्थियों और श्रोताओं के बैठने के लिए शामियाने का इंतजाम किया गया था।

सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने मोदी की सुरक्षा में हुई इस चूक को बेहद संजीदगी से लिया है। यह पहला मौका था जब किसी प्रधानमंत्री ने इस इलाके का दौरा किया था।