PM Modi on Electoral Bonds: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ANI को दिए इंटरव्यू में इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जो भी पैसे का पता चल रहा है, वह केवल इसलिए क्योंकि इलेक्टोरल बॉन्ड की प्रक्रिया थी। उन्होंने इस विवाद को इलेक्टोरल बॉन्ड की सक्सेस स्टोरी बताया है। पीएम मोदी ने कहा कि इस प्रक्रिया के खत्म होने के बाद एक बार फिर कालेधन को बढ़ावा मिल सकता है।

पीएम मोदी ने कहा कि ईमानदारी से सोचने पर हर किसी को इसे लेकर पछतावा होगा। उन्होंने कहा कि चुनावी बॉन्ड की योजना का उद्देश्य चुनावों में काले धन पर लगाम लगाना था लेकिन विपक्ष सरकार पर इसका आरोप लगाकर भागना चाहती है।

पीएम मोदी ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड थे, तो आपको मनी का ट्रेल मिल पा रहा है कि आपको किस कंपनी ने दिया, कैसे दिया कहां दिया? और इसलिए मैं कहता हूं कि सब लोग पछताएंगे, ईमानदारी से सोचेंगे तो सब लोग पछताएंगे।

कैश के जरिए कालेधन पर लगाई थी लगाम

पीएम ने कहा है कि काले धन से निपटने की कोशिशों के तहत हमारी सरकार ने 1000 और 2000 रुपये के करेंसी नोटों को बंद करने का फैसला लिया था। चुनाव के दौरान बड़ी मात्रा में ये नोट ले जाए गए। हमने ये कदम इसलिए उठाया, ताकि काला धन खत्म हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीतिक दलों को पहले 20,000 रुपये तक कैश डोनेशन लेने की परमिशन थी। बाद में इसे बदलकर 2500 रुपये कर दिया, क्योंकि हम नहीं चाहते थे कि कैश बिजनेस जारी रहे।

सच में होगा लोगों को पछतावा

मोदी ने कहा है कि यह इलेक्टोरल बॉन्ड्स की सफलता की कहानी है। इस प्रक्रिया में जो हुआ वह अच्छा था या बुरा, यह बहस का मुद्दा हो सकता है…मैं कभी नहीं कहता कि निर्णय लेने में कोई कमी नहीं है, हम चर्चा करके सीखते हैं और सुधार करते हैं, लेकिन आज हमने देश को पूरी तरह से काले धन की ओर धकेल दिया है। जब वे ईमानदारी से सोचेंगे तो सभी को पछतावा होगा।

विपक्ष को ज्यादा मिला डोनेशन

पीएम मोदी ने कहा कि अब देखिए अगर कोई इलेक्टोरल बॉन्ड्स नहीं था, तो किस सिस्टम के पास यह पता लगाने की शक्ति है कि पैसा कैसे आया और कहां गया। इलेक्टोरल बॉन्ड्स की वजह से ही आपको मनी ट्रेल का पता चल पा रहा है।

पीएम मोदी ने तर्क दिया कि जांच एजेंसियों की कार्रवाई के बाद पता चला कि जिन 16 कंपनियों ने डोनेशन दिया, उनमें से सिर्फ 37 पर्सेंट रकम BJP और 63 पर्सेंट BJP विरोधी विपक्षी दलों को मिला।