देश के कृषि हालात पर सदन में हुई बहस में संसदीय मामलों के मंत्री वेंकैया नायडू ने जवाबी हमले की कमान संभाली। उन्होंने कहा कि कांग्रेस दस साल तक किसानों को ‘लूटने’ के बाद उनके हितों पर राजनीति चमकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार परेशानी में फंसे लोगों को राहत मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि हमारी प्रतिबद्धता किसानों, गरीबों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के कल्याण के लिए है। आप पांच साल संयम बरतें। प्रधानमंत्री किसानों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है। वेंकैया ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आप केवल एक को देखते हैं, हम सभी को देखते हैं। आप संयम रखें, तथ्यों से क्यों घबराते हैं। उन्होंने कहा- राहुल बाबू आप सत्ता में 50 साल थे, हम केवल 9-10 महीने से हैं।
उन्होंने पिछली यूपीए सरकार को अपने कार्यकाल के दौरान 460 से ज्यादा अध्यादेश जारी करने को लेकर आड़े हाथ लिया और कहा कि उनकी सरकार ने तो करीब दस ही अध्यादेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि काफी विचार विमर्श के बाद भूमि अध्यादेश को फिर से जारी किया गया है।
चर्चा का जवाब देते हुए कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि सरकार ने हाल ही में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए नियमों में ढील दी है। ताजा रिपोर्टों के मुताबिक, बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से खेती योग्य 93.81 लाख हेक्टेयर जमीन प्रभावित हुई है। सिंह ने कहा कि जिन लोगों ने देश को लूटा, वे अब किसानों के हितों के लिए खड़े होने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राजग सरकार किसानों को संकट से जूझने नहीं देगी और उन्हें हुए नुकसान के लिए पर्याप्त मुआवजा देगी। सिंह ने कहा- किसानों की बात करने वालों ने अब रंगीन चश्मे पहन लिए हैं। उन्होंने देश को कारपोरेट घरानों के हाथों गिरवी रख दिया था। अब वे हम पर कारपोरेट हितैषी होने का आरोप लगा रहे हैं। क्या अटल पेंशन योजना कारपोरेट घरानों के लिए है? विपक्षी पार्टी सिर्फ वही देख पा रही है जो वह ‘रंगीन चश्मों’ से देखना चाह रही है।