बसपा मुखिया मायावती ने केन्द्र में सत्तारूढ़ नरेंद्र मोदी सरकार पर ‘राजधर्म’ का पालन करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए पंजाब और जम्मू कश्मीर में भाजपा के साथ गठबंधन सरकार चला रहे दलों को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने की सलाह दी है।

बसपा मुखिया मायावती के हवाले से जारी एक पार्टी विज्ञप्ति में कहा गया है, “केंद्र और विभिन्न राज्यों में भाजपा नेतृत्व में चल रही सरकारें किसानों और गरीबों के हित रक्षा के मामले में राजधर्म का पालन करने में विफल रही है। ऐसे में पंजाब में भाजपा के साथ सरकार चला रही अकाली दल और जम्मू कश्मीर में पीडीपी को अपने गठबंधन के बारे में पुन: विचार करना चाहिए।’’

विज्ञप्ति के अनुसार, बसपा मुखिया ने यह बात आज पंजाब, चंडीगढ और जम्मू कश्मीर से आये पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक में उन राज्यों की राजनीतिक स्थिति की समीक्षा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि भाजपा की कार्यशैली से इसके सहायोगी दल भी परेशान दिखते है, मगर मजबूरी में गठबंधन धर्म निभा रहे है। उन्हें अब गठबंधन के बारे में नये सिरे से सोचना चाहिए।

बसपा मुखिया ने ललितगेट कांड की ओर इशारा करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार अपने दागी मंत्रियों और नेताओं को जिस तरह से बचा रही है, उससे उसका छद्म राष्ट्रवादी चेहरा उजागर हो गया है।

उन्होंने सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों एवं अधिकारियों की लम्बे दिनों से चली आ रही ‘वन रैक वन पेंशन’ की मांग पर केंद्र सरकार से सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आग्रह भी किया है।