मोदी सरकार की योजना है कि इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जम्मू-कश्मीर के हर पंचायत में तिरंगा फहराया जाए। इसी वजह से सुरक्षा दायरा बढ़ाने के लिए सुरक्षाबलों को घाटी में भेजा गया है। सरकारी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षाबल इसलिए तैनात किए गए हैं ताकि तिरंगा फहराने में कोई दिक्कत न आए और किसी अवांछित घटना को टाला जा सके।

सूत्र बताते हैं कि बहुत सारे पंचायत प्रमुख इस बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहते हैं। बता दें कि राज्य में हाल ही में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की खबरें आने के बाद कई तरह की अटकलें लगनी शुरू हो गई थीं। वहीं, सरकार और प्रशासन की ओर से कथित तौर पर जारी कुछ निर्देशों को लेकर भी ये अटकलबाजी और ज्यादा तेज हो गई।

सूत्रों के मुताबिक, सत्ताधारी बीजेपी ने राज्य के हर पंचायत की अपनी पार्टी ईकाई को पहले ही यह निर्देश दे दिया है कि वे 15 अगस्त वाले दिन तिरंगा फहराएं। पार्टी पिछले साल यहां हुए पंचायत चुनावों को ‘जमीनी स्तर पर लोकतंत्र का मजबूत होना’ मानती है। बीजेपी को इस बात की भी उम्मीद है कि इस कवायद से उसे राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों में भी मदद मिलेगी। यहां इसी साल विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है।

सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में मंगलवार शाम हुई बीजेपी के जम्मू-कश्मीर कोर ग्रुप की बैठक में राज्य के मद्देनजर चुनावी तैयारियां ही शीर्ष एजेंडे में शामिल थी। इससे पहले, अमित शाह ने राज्य का दौरा करके प्रदेश के नेताओं से विस्तार से चर्चा की थी। पार्टी के वर्किंग प्रेसिडेंट जेपी नड्डा भी जल्द जम्मू-कश्मीर का दौरा कर सकते हैं।

मंगलवार की मीटिंग में नड्डा, पार्टी के संगठन महासचिव बीएल संतोष, कश्मीर प्रभारी राम माधव, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना, राज्य बीजेपी प्रमुख रवींदर रैना और प्रदेश कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए। मीटिंग के बाद रैना ने पत्रकारों से कहा, ‘अमरनाथ यात्रा खत्म होने के बाद कभी भी चुनाव का ऐलान हो सकता है। जैसा कि हमारे गृह मंत्री ने लोक सभा में कहा है, सरकार और बीजेपी चुनाव का सामना करने के लिए तैयार हैं।’