आज भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की जयंती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा नेता एवं पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की 68वीं जयंती पर बुधवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह गरिमा की प्रतिमूर्ति थीं और जनता की सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अटूट थी। वहीं जयंती से एक दिन पहले दुनियाभर में फैले भारतीय समुदाय से सम्पर्क के प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र ‘प्रवासी भारतीय केंद्र’ का नामकरण ‘सुषमा स्वराज भवन’ करने का निर्णय लिया गया है।
विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी। इसके अलावा विदेश सेवा संस्थान का नाम बदलकर सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस करने का फैसला किया है। यह निर्णय पूर्व विदेश मंत्री के सम्मान स्वरूप लिया गया है जो दुनियाभर में फैले भारतीय समुदाय से सम्पर्क और उनके प्रति करूणा के लिये जानी जाती थी। ये दोनों संस्थान राष्ट्रीय राजधानी में स्थित हैं।
विदेश मंत्री रहने के दौरान सुषमा स्वराज अपनी दरियादिली और दूसरों की मदद करने के लिए काफी मशहूर थीं। यह किस्सा नवंबर 2017 का है। पाकिस्तान की रहने वाली पाकिस्तानी प्रेमिका सबाहत फातिमा और भारत के लखनऊ के रहने वाले प्रेमी नाकी अली की मंगनी को दो साल बीत चुके थे। लेकिन दुल्हन को वीजा नहीं मिलने की वजह से उनकी शादी में अड़चने आ रही थी।
सबाहत ने सुषमा स्वराज को ट्वीट कर कहा, “मैम, मुझे आपकी मदद चाहिए। मुझे भारत का वीजा दिलवा दिया जाए ताकि मेरी शादी हो सके।” इसके बाद सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर फातिमा को कहा, “आपका स्वागत है। आप भारत की बहू के रुप में आ रही हैं। हम आपको वीजा देंगे।” इसके बाद फातिमा को वीजा मिल गया और जनवरी 2018 में लखनऊ में दोनों की शादी हो गई।
सुषमा स्वराज की जयंती के मौके पर मोदी ने पूर्व विदेश मंत्री के साथ अपनी एक तस्वीर जारी करते हुए कहा, ‘‘सुषमा जी को याद करते हुए। वह गरिमा की प्रतिमूर्ति थीं और जनता की सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अटूट थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ वह एक असाधारण सहयोगी एवं उत्कृष्ट मंत्री थीं। उनका भारतीय मूल्यों में गहरा विश्वास था और देश के लिए उनके सपने बड़े थे।’’ सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को अंबाला कैंट में हुआ था।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ट्वीट में कहा कि हम सुषमा स्वराज को याद कर रहे हैं जिनका 68वां जन्मदिन है। विदेश मंत्रालय परिवार को खास तौर पर उनकी कमी खलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ यह घोषणा करके हर्ष हो रहा है कि सरकार ने प्रवासी भारतीय केंद्र का नाम सुषमा स्वराज भवन और विदेश सेवा संस्थान का नाम सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट आफ फारेन र्सिवस करने का निर्णय किया है।’’ जयशंकर ने कहा कि एक महान शख्सियत को सच्ची श्रद्धांजलि जो हमें प्रेरित करना जारी रखेंगी। (भाषा इनपुट के साथ)