केंद्र सरकार ने अप्रासंगिक कानूनों को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू करते हुए एक विधेयक का प्रस्ताव मंजूर किया है। इसके तहत 295 अप्रचलित कानूनों को निरस्त किया जाएगा। इसके लिए निरसन एवं संशोधन (चतुर्थ) विधेयक 2015 को लोकसभा में पेश किया जाएगा।
इस विधेयक के जरिए 295 बेकार हो चुके कानूनों को समाप्त किया जाएगा क्योंकि ये कानून अब प्रासंगिक नहीं रह गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी। कानून मंत्रालय के विधायी विभाग के आंकड़ों के मुताबिक संसद में एक ही जैसे दो विधेयक पास किए जाने से 125 पुराने कानूनों को निरस्त किया गया। दो अन्य विधेयक संसद की मंजूरी के लिए लंबित हैं और एक बार ये विधेयक पास हो जाएं तो 945 अन्य कानूनों को निरस्त किया जा सकेगा।
कानून मंत्रालय ने 1871 अन्य कानूनों की पहचान की है, जो आज के समय में अप्रासंगिक हो चुके हैं। मंत्रालय 2001 के बाद पहली बार इस तरह का काम कर रहा है। प्रभावशाली शासन में बाधा पैदा कर रहे पुराने पड़ चुके कानूनों को समाप्त करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजंडा के मुताबिक ये सब हो रहा है।