प्रदेश भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की निंदा की है। पार्टी ने अपने बयान में कहा कि मोदी अपने भाषण में दिल्ली की एक राजनीतिक पार्टी को नक्सली आंदोलन में जाने के लिए उकसाते हैं। बड़े अफसोस के साथ यह कहना पड़ता है कि भाजपा और इस देश के प्रधानमंत्री किसी समस्या को वास्तविकता में समझने के बजाए इसे उत्साहित कर रहे हैं। वे यह समझने में नाकाम हैं कि नक्सली समस्या के आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक कारण हैं। इस देश के प्रधानमंत्री को यह समझना चाहिए कि गलत को गलत से सही नहीं ठहराया जा सकता। कोई समस्या अगर देश में गैरबराबरी के विकास के कारण हुई है तो सबसे पहले उन्हें विकास के कार्यों में समानता लानी चाहिए।

भाकपा ने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री को दिल्ली में तीन निजी बिजली वितरण कंपनियों की लूट के खिलाफ बोलना चाहिए था, उनके कैग आडिट की बात को कहना चाहिए था और साथ ही उन्हें दिल्ली की जनता से ये वादा करना चाहिए था कि वे महंगाई रोकेंगे। पार्टी ने कहा कि पिछले एक हफ्ते में जबरदस्त महंगाई बढ़ी है। प्रधानमंत्री को भरोसा दिलाना चाहिए था कि वे दालें, चावल, सब्जी, आटा आदि खाद्य पदार्थों की महंगाई रोकेंगे। उन्हें दिल्ली के नौजवानों को यह आश्वासन देना चाहिए था कि दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगमों के सभी विभागो में ठेकेदारी प्रथा खत्म कर उन्हें पक्की नौकरी दी जाएगी। दिल्ली के तीनों नगर निगम जिसका नेतृत्व भाजपा के हाथ में है और दिल्ली सरकार के सभी विभाग भष्ट्राचार मुक्त रहेंगे व दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन, पानी, महिलाओं की सुरक्षा की समस्या को तुरंत सुलझाएंगे। दिल्ली में सांप्रदायिकता का जहर फैलाने की कोशिश पर लगाम लगाएंगे। भाकपा ने भाजपा सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश की भी कड़ी निंदा की है। इससे दिल्ली के गांवों की जनता पर भारी बुरा असर पड़ने वाला है।