अगस्ता वेस्टलैंड मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप के बीच कांग्रेस ने शुक्रवार (13 मई) को मोदी सरकार पर विपक्ष, नौकरशाहों और न्यायाधीशों के फोन टैप करने के लिए ‘ओवरटाइम काम’ करने का आरोप लगाया। पार्टी प्रवक्ता आनंद शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘भाजपा सरकार में एक गंदी तरकीब विभाग है, जो विपक्ष, सिविल सेवकों और न्यायाधीशों की फोन टैपिंग करने के लिए ओवरटाइम काम कर रहा है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वरिष्ठ नेताओं और नौकरशाहों को निगरानी में रख रही है, दस्तावेज तैयार कर रही, सरकारी एजेंसियों और मीडिया के आसानी से वश में आ जाने वाले हिस्से का इस्तेमाल कर रही है।
राजनीतिक ब्लैकमेल के इस खेल को रोकने के लिए सरकार को आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि यह झूठी अफवाह फैला रही है और अपमानित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने हैरानी जताई कि रक्षा मंत्रालय, सीबीआई, ईडी के गोपनीय दस्तावेज चयनित रूप से कैसे कुछ चैनलों और एजेंसियों को लीक हो गए। उन्होंने कहा कि इसने एक अधूरी तस्वीर बनाई। पूरी तस्वीर लेकर विपक्ष संसद में आया।
शर्मा ने कहा कि सरकार को विपक्ष को निशाना बनाने की बजाय अपने वादों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। ‘जब आप अर्थव्यवस्था, रोजगार वृद्धि, गिरते निर्यात और निवेश की दर में कमी पर नजर डालते हैं तो वे बुरी तरह से नाकाम दिखते हैं।’ हाल ही में संपन्न सत्र के बारे में उन्होंने कहा कि बजट सत्र ने 24 कानून पारित किए। यह खुद में एक रिकॉर्ड है। साल 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से 80 से अधिक विधेयक पारित किए गए। यह एक परिपक्व विपक्ष का गवाह है।
उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी द्वारा फैलाई जा रही इस झूठी अफवाह को भी खारिज करता है कि विपक्ष विधेयकों को पारित करने में रोड़े अटका रहा है। शर्मा ने कहा कि पारित किए गए कई विधेयकों को भाजपा ने विपक्ष में रहने के दौरान अटका कर रखा था। उन्होंने उत्तराखंड मुद्दे को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार को असंवैधानिक रूप से अस्थिर किए जाने को उचित ठहराने के इस सरकार के गलत फैसले, दलबदल को बढ़ावा देने और धन बल तथा केंद्र की शक्ति के दुरुपयोग के माहौल को बढ़ावा देने के चलते बजट सत्र का दूसरा चरण एक नया सत्र बना।
अगस्ता वेस्टलैंड मुद्दे के मद्देनजर सरकार को सलाह देते हुए और आगाह करते हुए शर्मा ने कहा कि वे जो कुछ कर रहे हैं उसे तत्काल रोकना चाहिए। उन्हें देश की रक्षा खरीद और रक्षा तैयारियों के साथ समझौता बंद करनी चाहिए। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि बोफोर्स मामले के बाद भारत ने कोई बड़ी तोपखाना प्रणाली साल 1988 से नहीं खरीदी है। सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी के आदेश के बगैर राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगे बढ़ने के तरीके की शर्मा ने सख्त आलोचना की थी।