गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार (28 मई) कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 56 इंच का सीना एक इंच भी कम नहीं हुआ है तथा उन्होंने दावा किया कि इस मामले कोई संदेह नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि पाकिसतान के पास अपनी भूमि में आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम कसने की क्षमता नहीं है तो उसे भारत की मदद लेनी चाहिए। सिंह से इंडिया टीवी में रजत शर्मा की आप की अदालत कार्यक्रम में मोदी के लोकसभा प्रचार के बारे में सवाल पूछा किया गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान से निबटने के लिए 56 इंच के सीने की जरूरत है।

चैनल ने एक विज्ञप्ति में राजनाथ के हवाले से कहा, ‘यह घटा नहीं है। मै गृह मंत्री हूं। मैं गोपनीय मामले जानता हूं। मेरे साथ आईबी है। यह कम नहीं हुआ है। इस मामले में कोई सन्देह नहीं होना चाहिए। मैं केवल यही कह सकता हूं कि 56 इंच का सीना बरकरार है।’ गृह मंत्री ने कहा कि वह पाकिस्तान को यह संदेश देना चाहते हैं कि उसे अपनी भूमि पर आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम कसनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘यदि पाकिस्तान को लगता है कि आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम कसने की उसमें क्षमता नहीं है तो उसे भारत से सहायता मांगनी चाहिए। यदि वे चाहें तो यह हो सकता है। वे विश्व के अन्य देशों से भी सहायता मांग सकते हैं।’

सिंह ने कहा कि पिछले दो सालों में पाकिस्तान से घुसपैठ में 52 प्रतिशत की कमी आई है। माओवादियों द्वारा शहीद किए गए सुरक्षाकर्मियों की संख्या में भी कमी आई है। पठानकोट पर आतंकवादी हमलों के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार की रणनीति के कारण अमेरिका ने पाकिस्तान से हमले की जांच में सहयोग करने को कहा। गृह मंत्री ने कहा कि इशरत जहां मामले के कुछ दस्तावेज गायब हैं। राजनाथ ने कहा, ‘गृह मंत्रालय की फाइलों में कुछ कागजात होने चाहिएं, वे उपलब्ध नहीं हैं। मैंने जांच के लिए एक समिति गठित की है। हमें जल्द ही समिति की रिपोर्ट मिल जाएगी। इससे खुलासा होगा कि कौन दोषी है।’ उन्होंने यह भी कहा कि फाइलों में कांग्रेस से संबंधित लोगों द्वारा राजनीतिक कारणों के चलते बदलाव किए गए।

यह पूछे जाने पर कि मालेगांव विस्फोट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने प्रज्ञा ठाकुर को क्लीन चिट क्यों दी, उन्होंने कहा कि जब जांच एजेंसी ने इस बारे में पता किया तो चीजें स्पष्ट हो गई। उन्होंने कहा कि एनआईए को अधिकतम स्वायत्तता दी गयी है कि उसे कानूनी राय के लिए फाइलों को गृह मंत्रालय भेजने की आवश्यकता नहीं है तथा उन्हें वह सीधे कानून मंत्रालय के पास भेज सकती है। यह पूछे जाने पर कि मालेगांव मामले में सभी गवाहों ने दो सालों के भीतर अपना रुख कैसे बदल दिया, गृह मंत्री ने कहा, ‘एनआईए से पूछिए कि पुराना रुख क्यों था और अब बदला हुआ क्यों है।’

कालेधन के मुद्दे पर राजनाथ ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान कोई वादा नहीं किया गया था कि प्रत्येक के बैंक खाते में 15 लाख रुपए जमा करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं उस समय पार्टी का अध्यक्ष था। मेरे नेतृत्व में पार्टी घोषणापत्र तैयार किया गया था। मैंने कभी ऐसा बयान नहीं दिया। इस बात को लेकर यह धारणा थी कि विदेशों में मौजूदा कालेधन की भारी राशि को देखते हुए 15 लाख रुपए प्रति व्यक्ति औसत आएगा किन्तु वह महज एक उदाहरण था, कुछ और नहीं।’

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की इस टिप्पणी कि गोमांस खाने वाले मुसलमानों के लिए भारत में कोई जगह नहीं है, उन्होंने कहा, ‘नहीं। मैं इससे पूरी तरह से असहमत हूं।’ राजनाथ ने कहा, ‘भारत के गर्भ से उत्पन्न हुए सभी हिन्दू, सिख, मुस्लिम, पारसी भारत माता की संतानें हैं। हम सब को मिलकर रहना एवं काम करना है।’