नारदा स्कैम मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक को सुप्रीम कोर्ट से थोड़ी राहत मिली है। सीएम ममता और घटक ने नारदा मामले में टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी के बाद हुई ‘अराजकता’ मामले में याचिका दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वे दोबारा कोलकाता हाई कोर्ट जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने 28 अप्रैल तक नये सिरे से याचिका फाइल करने का निर्देश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता हाई कोर्ट से भी कहा है कि नये सिरे से अर्जियों पर विचार किया जाए इसके बाद ही कोई कार्रवाई की जाए। दरअसल ममता बनर्जी और मलय घटक को इस मामले में हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल करने की इजाजत नहीं मिली थी।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि हाई कोर्ट में जो ऐफिडेविट फाइल किया जाना है उसकी एक कॉपी 27 जून तक सीबीआई को देनी होगी।बता दें कि ममता बनर्जी और मलय घटक ने नारदा मामले को सीबीआई कोर्ट से हाई कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए हलफनामा देना चाहा था लेकिन इस हलफनामे को स्वीकार नहीं किया गया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि मामले की सुनवाई पूरी नहीं हुई है इसलिए बीच में एफिडेविट देने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

ममता बनर्जी और मलय घटक ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और कहा कि हाई कोर्ट उन्हें अपना पक्ष रखने की इजाज़त नहीं दे रहा है। अब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को स्पष्ट निर्देश दे दिए हैं कि उनके हलफनामे को स्वीकार करके 29 जून तक नये सिरे से विचार किया जाए।

आरोप यह है कि राज्य के सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने मामले में चारों नेताओं की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई को अपना वैधानिक कर्तव्य निभाने में अड़चन डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई ने नारद स्टिंग मामले में मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व महापौर शोभन चटर्जी को गिरफ्तार किया था।