Nana Patole Resigns as Maharashtra Congress Chief After Maharastra Election Result: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महा विकास अघाड़ी की हार के बाद ऐसी खबरें चल रहीं थी कि नाना पटोले ने महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, महाराष्ट्र कांग्रेस कमेटी ने इन खबरों का पूरी तरह से खंडन कर दिया है। एमपीसीसी ने कहा कि ये खबरें झूठी हैं और दुर्भावनापूर्ण तरीके से फैलाई जा रही हैं। मौजूदा महायुति ने महाराष्ट्र चुनावों में 235 सीटें और 49.6 फीसदी वोट शेयर हासिल करते हुए बंपर जीत दर्ज की थी। वहीं महाविकास अघाड़ी 49 सीटों और 35.3 फीसदी वोटों के साथ बहुत पीछे रह गई।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने 2021 में बालासाहेब थोराट की जगह महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाला था। उनके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनावों में बेहतर जीत हासिल की थी। इसमें उन्होंने 17 सीटों पर चुनाव लड़ा और 13 सीटों पर जीत हासिल की। रविवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि नव-निर्वाचित महायुति सरकार अपने चुनावी घोषणापत्र और अभियान भाषणों में किए गए वादों को पूरा करे। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए पटोले ने जोर दिया कि महायुति अपनी चुनावी सफलता के लिए मुख्यमंत्री मांझी लड़की बहिन योजना पर निर्भर थी। अब उन्हें इस स्कीम से मिलने वाले पैसों को बढ़ाकर 2,100 कर देना चाहिए।
बेहद ही कम मार्जिन से जीते नाना पटोले
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ एनडीए ने कांग्रेस को करारी शिकस्त दी है। पार्टी ने 103 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे सिर्फ 16 सीटें मिलीं। साकोली सीट से पार्टी के उम्मीदवार नाना पटोले ने सबसे कम मार्जिन से 208 वोटों से जीत दर्ज की। सकोली में उनकी जीत इस साल सबसे कम अंतर से जीती गई सीटों में शीर्ष तीन में शुमार है। यह 2019 के विधानसभा चुनावों के बिल्कुल उलट है, जब नाना पटोले ने सकोली में लगभग 8,000 वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की थी। कांग्रेस को जहां सिर्फ 16 सीटें मिलीं, वहीं बीजेपी ने 132 सीटें जीतकर अपना दबदबा कायम रखा।
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ये दिग्गज नेता भी हारे
राज्य में कांग्रेस के दिग्गज नेता पृथ्वीराज चव्हाण और बालासाहेब थोराट अपने-अपने गढ़ कराड दक्षिण और संगमनेर से हार गए। पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के बेटे धीरज देशमुख भी लातूर ग्रामीण से बीजेपी के रमेश काशीराम कराड से 6,595 वोटों के अंतर से हार गए। कांग्रेस के दिग्गज नेता यशोमति चंद्रकांत ठाकुर भी टेओसा निर्वाचन क्षेत्र में बीजेपी के राजेश श्रीरामजी वानखेड़े से हार गए।
लेकिन लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस को इतनी बुरी हार का सामना क्यों करना पड़ा? लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस अति आत्मविश्वास में आ गई और उसने ‘संविधान बचाओ’ का नारा बुलंद कर दिया और महायुति के आगे झुकने के कारण उसके कई उम्मीदवार खुद ही हार गए। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने सिर्फ़ 7 और 9 रैलियां कीं और प्रियंका गांधी ने राज्य में सिर्फ़ 3 रोड शो किए।