गुजरात विश्वविद्यालय हॉस्टल में नमाज पढ़ रहे पांच विदेशी छात्रों पर हुए हमले के विवाद को लेकर अब विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डॉ. नीरजा गुप्ता का बयान सामने आया है।
वीसी का कहना है कि छात्रों पर हमले का सिर्फ एक कारण नमाज़ पढ़ना नहीं था। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पढ़ रहे विदेशी छात्रों को अपने खाने-पीने की आदतों का ध्यान रखना चाहिए। उन्हें ‘शाकाहारी समाज’ की भावनाओं को देखते हुए आदतों और आचरण को संवेदनशील बनाने की ज़रूरत है।
जिन छात्रों पर हमला हुआ था वह अफ्रीकी देशों, अफगानिस्तान और उज्बेकिस्तान के रहने वाले हैं।
वीसी ने क्या बताई वजह?
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए वाइस चांसलर डॉ. नीरजा गुप्ता ने कहा कि सिर्फ नमाज़ पढ़ना हिंसा हो जाने का कारण नहीं हो सकती। वीसी ने आगे कहा–सिर्फ नमाज़ पढ़ना इसकी वजह नहीं हो सकती, मसला धर्म से जुड़ा नहीं है बल्कि कल्चर से जुड़ा है। उदाहरण के लिए वे (विदेशी छात्र) मांसाहारी भोजन खाते हैं। लेकिन गुजरात का समाज शाकाहारी समाज है। अगर वह कुछ खाते हैं और इधर-उधर फेंक देते हैं तो यह विवाद की वजह बन सकता है। चूंकि ये विदेशी छात्र हैं, इसलिए ये जल्दी ही लोगों की नजर में आ जाते हैं। इसलिए मैंने कहा कि यह सिर्फ एक घटना से जुड़ा नहीं है। हम किसी के नमाज पढ़ने के प्रति इतने असंवेदनशील या असहिष्णु नहीं हैं। हमें उन्हें (विदेशी छात्रों को) बेहतर तरीके से हमारे सामज के बारे में बताना होगा, समझाना होगा।
छात्रों ने क्या कहा था?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक छात्रों ने कहा था कि हॉस्टल कैंपस में कोई मस्जिद नहीं है, इसलिए वे रमज़ान के दौरान रात में पढ़ी जाने वाली तरावीह की नमाज़ पढ़ने के लिए इकट्ठा हुआ थे। वह नमाज़ पढ़ रहे थे कि लाठियों और चाकुओं से लैस एक भीड़ ने उनपर हमला बोल दिया। उनके कमरों में काफी तोड़फोड़ की गई। छात्रों का कहना है कि हॉस्टल के सुरक्षा गार्ड ने भीड़ को रोकने की कोशिश की लेकिन भीड़ काफी उग्र थी।