मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने म्यांमार से अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले लोगों की बायोमेट्रिक जानकारियां एकत्र करने के लिए असम राइफल्स की सराहना की। असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेरा ने बुधवार को मणिपुर विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि 31 दिसंबर 2024 से अर्धसैनिक बल ने यहां आने वाले 42,000 लोगों के बारे में पूरी जानकारी जुटा ली है।

लखेरा के संबोधन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीरेन सिंह ने असम राइफल्स की तारीफ की। उन्होंने लखेरा के संबोधन की वीडियो क्लिप भी साझा की करते हुए कहा, ‘मैं लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेरा, एवीएसएम, एसएम, डीजी असम राइफल्स को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने पुष्टि की है कि अवैध रूप से भारत-म्यांमार सीमा पार करके भारत आने वालों की बायोमेट्रिक जानकारियां एकत्र की जा रही हैं।’

नागा और कुकी समुदायों ने इसका किया था विरोध

उन्होंने कहा, ‘इस तरह के कदम उठाने की आवश्यकता इस निर्विवाद सत्य को रेखांकित करती है कि हमारे क्षेत्र में बाहरी लोगों का आना वास्तविक है और यह निरंतर जारी है।’

दरअसल केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले साल ये घोषणा की थी कि वह म्यांमार सीमा पर मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) को खत्म कर देगा, लेकिन उसके बाद बीजेपी को न केवल वहां के लोगों से, बल्कि नागालैंड और मिजोरम में सभी राजनीतिक दलों से भी कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा था। मणिपुर के नागा और कुकी समुदायों ने भी सरकार के इस कदम का विरोध किया था।

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भारत म्यांमार के साथ 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है जो अरुणाचल प्रदेश (520 किलोमीटर), नागालैंड (215 किलोमीटर), मणिपुर (398 किलोमीटर) और मिजोरम (510 किलोमीटर) से होकर गुजरती है। 1,472 किलोमीटर सीमा का सीमांकन पूरा हो चुका है। हाइब्रिड निगरानी प्रणालियों की दो पायलट परियोजनाओं का निर्माण कार्य असम राइफल्स को सौंपा गया है और कार्य प्रगति पर है।