हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम घोषित करने के बाद से ही बीजेपी को अपने नेताओं की तरफ से इस्तीफों का सामना करना पड़ा है। बीजेपी राज्य महिला मोर्चा की महासचिव गायत्री देवी ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। जिन्होंने सोमवार को पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली है। वह हांसी विधानसभा सीट से टिकट चाहती थी। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि उन्हें किस वजह से यह कदम उठाना पड़ा, भाजपा क्या गलत कर रही है और उनके लिए आगे की राह क्या है?
सवाल: आपने दावा किया है कि टिकट बंटवारे में महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है। क्या हमेशा से ऐसा होता रहा है?
जवाब: साल 2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों में सिर्फ महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष लतिका शर्मा को कालका से टिकट दिया गया था, लेकिन किसी और को नहीं। इससे पहले भी विधानसभा चुनावों में भाजपा ने महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं को उम्मीदवार नहीं बनाया था। लतिका शर्मा ने भी इस बार विधानसभा चुनाव के लिए टिकट न मिलने पर पार्टी पर निशाना साधा था। हरियाणा की पूर्व विधायक और मंत्री कविता जैन ने भी यही कहा था।
सवाल: आपके पत्र में यह भी कहा गया है कि महिला कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय हुआ है
बहुत अन्याय हुआ है। मैंने अपना सार्वजनिक जीवन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से शुरू किया और मैं ऐसे परिवार से हूं जिसकी जड़ें संघ परिवार से जुड़ी हैं। मैंने हरियाणा में महिला मोर्चा की जिला महासचिव और भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के राज्य उपाध्यक्ष जैसे पदों पर भी काम किया है।
साल 2014 में जब मैंने टिकट मांगा था, तो मुझे सरकार बनने तक इंतजार करने के लिए कहा गया था। मैंने सहमति जताई और पार्टी के लिए पूरी लगन से काम किया। उस समय, मैंने कुछ और नहीं सोचा, लेकिन पार्टी छोड़ने का फैसला लिया क्योंकि मेरे आत्मसम्मान को बार-बार ठेस पहुँच रही थी।
सवाल: क्या आप विधानसभा चुनाव में टिकट की उम्मीद कर रही थीं?
जवाब: मुझे उम्मीद थी कि हांसी से मुझे टिकट मिलेगा क्योंकि पैनल में मेरे नाम पर चर्चा हुई थी। लेकिन इसके बजाय एक अलोकप्रिय नेता विनोद भयाना को तरजीह दी गई, जबकि उनके खिलाफ कई शिकायतें थीं। उन्होंने हांसी को बर्बाद कर दिया और यहां-वहां कॉलोनियां बना दीं। आप किसी से भी पूछ सकते हैं। हांसी एक ऐतिहासिक जगह है क्योंकि यहां पृथ्वीराज चौहान का किला है।
सवाल: आपने कहा कि भाजपा अब वह पार्टी नहीं रही जो अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, दीन दयाल उपाध्याय और सुषमा स्वराज के समय थी?
एक समय में भाजपा संगठन आधारित पार्टी थी, लेकिन आज यह पूंजिपतियों की पार्टी बन गई है। हरियाणा हो, महाराष्ट्र हो या राजस्थान, पार्टी को 10-15 लोग चलाते हैं। मैंने पार्टी को बूथ स्तर से देखा है और मेरा निष्कर्ष उसी के आधार पर है।