Chief Justice of India DY Chandrachud: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ हिंदी और अंग्रेजी भाषा में बतौर रेडियो अनाउंसर काम कर चुके हैं। चीफ जस्टिस ने ऑल इंडिया रेडियो को दिए एक इंटरव्यू में आकाशवाणी के अपने पुराने दिनों को याद किया। इंटरव्यू के दौरान सीजेआई ने बताया कि साल 1975 में वो मुबंई से दिल्ली चले गए थे। तब उन्होंने आकाशवाणी के लिए ऑडिशन दिया था। इसके बाद उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी में कई रेडियो शो भी किए। साथ ही कई वेस्टर्न म्यूजिक शो भी किए। इस दौरान चीफ जस्टिस ने रेडियो ने अपने जुड़ाव का भी जिक्र किया।
चीफ जस्टिस ने याद किया कि कैसे वे अपने माता-पिता के साथ हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में आकाशवाणी बुलेटिन सुनते हुए बड़े हुए। एक ऐसी आदत जिसने उन्हें आकाशवाणी से करीब से जोड़े रखा। उन्होंने कहा कि मैं पहली बार 19 साल की उम्र में आकाशवाणी के स्टूडियो में आया था, जब मैं कॉलेज में था। लेकिन आकाशवाणी से मेरा जुड़ाव उससे भी पहले का है। एक बात यह है कि यह मेरे परिवार की परंपरा थी, इसलिए मुझे आज भी याद है कि उन दिनों मैं अंग्रेजी, हिंदी और संस्कृत समाचार सुनता था।
अपने बचपन को याद करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि वे समाचार प्रेजेंटर की आवाज सुनकर मंत्रमुग्ध हो जाते थे। उन्होंने कहा कि देवकी नंदन पांडे की आवाज का जिक्र किया कहा- ये आकाशवाणी है। अब आप समाचार देवकी नंदन पांडे से सुनिए। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने ऑल इंडिया रेडियो से अपने जुड़ाव की यादें साझा करते हुए कहा कि उन्हें पामेला सिंह और लोतिका रत्नम की आवाज काफी अच्छी लगती थी। उन्होंने रत्नम की प्रतिष्ठित घोषणा को याद करते हुए कहा कि यह ऑल इंडिया रेडियो है। अब लोतिका रत्नम से समाचार सुन रहे हैं।
अपने शुरुआती अनुभवों को याद करते हुए सीजेआई ने बताया कि उनकी मां एक क्लासिकल सिंगर थीं, अक्सर उन्हें तीसरी या चौथी कक्षा में पढ़ते समय मुंबई में आकाशवाणी स्टूडियो में ले जाती थीं। बाद में 1975 में दिल्ली आने के बाद, उन्होंने आकाशवाणी के लिए ऑडिशन दिया और हिंदी और अंग्रेजी दोनों में कार्यक्रमों की मेजबानी करना शुरू कर दिया। उन्हें अपना पहला प्रसारण स्पष्ट रूप से याद है और उस दौरान पश्चिमी संगीत शो की मेजबानी करना याद है, जिससे आकाशवाणी के साथ उनका एक स्थायी रिश्ता बन गया।
सीजेआई ने कहा कि जब मैं 1975 में दिल्ली आया, तो मुझे आकाशवाणी के लिए ऑडिशन देने के लिए प्रोत्साहित किया गया और मैंने हिंदी और अंग्रेजी दोनों में कार्यक्रम करना शुरू कर दिया। मुझे अपना पहला कार्यक्रम अच्छी तरह याद है और मैंने उस समय ऑल इंडिया रेडियो के लिए पश्चिमी संगीत कार्यक्रमों की मेजबानी भी की थी।
बता दें, सीजेआई चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर हो जाएंगे। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश का 50वां चीफ जस्टिस (CJI) नियुक्त किया था। उन्होंने 9 नवंबर 2022 को चीफ जस्टिस पद की शपथ ली थी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का पूरा नाम जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ है। उनके पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ देश के 16वें CJI थे। जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ का कार्यकाल 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक यानी करीब 7 साल रहा। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ पिता के 2 बड़े फैसलों को SC में पलट भी चुके हैं। वे बेबाक फैसलों के लिए चर्चित हैं।