विकास के मामले में पिछड़े उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड स्थित महोबा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना की मांग पर जोर देने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाते हुए जिले के मुसलमानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संस्कृत में पत्र लिखने की मुहिम शुरू की है।
इस काम में अहम भूमिका निभा रहे सामाजिक कार्यकर्ता तारा पाटकर ने बताया कि हमने महोबा जिले में एम्स की स्थापना के लिए अभियान शुरू किया है। इसके तहत हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहले ही 50 हजार पोस्टकार्ड भेज चुके हैं। अब मुसलिम युवक और बच्चे प्रधानमंत्री को संस्कृत में पत्र लिख रहे हैं। जल्द ही 10 हजार और पोस्टकार्ड प्रधानमंत्री के पास भेजे जाएंगे। अभियान की अगुआई कर रहे बुंदेली समाज के समन्वयक पाटकर ने कहा कि हम प्रधानमंत्री को उर्दू और बुंदेली में भी 10 हजार खत भेजेंगे। सिंधी, पंजाबी और मलयाली में भी खत भेजकर महोबा में एम्स स्थापित करने की मांग की जाएगी।
उन्होंने बताया कि यह मुहिम इस साल मार्च में शुरू की गई थी। करीब 10 लाख की आबादी वाले महोबा जिले से रोजाना एक हजार खत प्रधानमंत्री को भेजे जा रहे हैं। पाटकर ने कहा कि रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, अस्पताल और अन्य सभी प्रमुख स्थानों पर शिविर लगाए गए हैं ताकि मुहिम को कामयाब बनाया जा सके। इसके लिए स्कूलों से भी संपर्क किया गया है। महोबा में एम्स की स्थापना की मांग के समर्थन में तर्क देते हुए पाटकर ने कहा कि यह जिला बुंदेलखंड के हृयस्थल में बसा है लेकिन यहां जरूरी चिकित्सा सुविधाएं मयस्सर नहीं हैं।
पाटकर ने कहा कि महोबा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती किए जाने वाले गंभीर मरीजों को कानपुर, लखनऊ और आगरा के साथ-साथ पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के अस्पतालों में भेजा जाता है। अगर यहां एम्स की स्थापना हो जाए तो समूचे बुंदेलखंड में आने वाले उत्तर प्रदेश के सात और मध्य प्रदेश के पांच जिलों के लोगों को फायदा होगा। उन्होंने बताया कि बुंदेली समाज की इस मुहिम को विदेश में रहने वाले बुंदेलखंडियों का भी सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और सऊदी अरब में रहने वाले बुंदेलखंड के मूल निवासी भी प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर इस अभियान में हमारी मदद कर रहे हैं।