प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अबूधाबी की शेख जायद मस्जिद का दौरा करने पर कुछ विपक्षी नेताओं द्वारा कटाक्ष किए जाने को खारिज करते हुए मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति (चांसलर) और गुजरात के मुस्लिम कारोबारी जफर सरेशवाला ने आज कहा कि मोदी के इस कदम से ‘मुसलमानों की गलतफहमी दूर हुई और उनके नजरिए में बहुत बदलाव आया है।’

प्रधानमंत्री के यूएई दौरे पर उनके साथ गए सरेशवाला ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री का यह दौरा बहुत अहम है। इससे मुसलमानों का नजरिया बहुत बदला है। इसका बहुत असर हुआ है। इससे मोदी साहब के बारे मुसलमानों के बीच जो गलतफहमी थी वो भी दूर हुई हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब प्रधानमंत्री मस्जिद गए तो वहां बड़ी तादाद में लोग मौजूद थे। वो सभी लोग मुस्लिम थे। मोदी के बारे में जो दूसरे समुदाय के लोग सोचते हैं, वही मुसलमान भी सोचते हैं। कुछ मुसलमान नेता अगर विरोध नहीं करें तो वे अपनी पार्टियों को क्या जवाब देंगे। जहां तक मुसलमानों की बात है तो उनका नजरिया बहुत बदला है।’’

मोदी के करीबी माने जाने वाले सरेशवाला ने मस्जिद के दौरे को लेकर यहां कुछ विपक्षी दलों की ओर से कटाक्ष किए जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘कुछ लोगों का काम है मोदी का विरोध करना। अब वो क्या करते। उन लोगों का काम है आलोचना करना। मैं पूछना चाहता हूं कि मनमोहन सिंह जी ने प्रधानमंत्री रहते सउदी अरब और मलेशिया जैसे देशों का दौरा किया, लेकिन वह किसी मस्जिद में गए? अब मोदी चले गए तो कुछ लोग सवाल कर रहे हैं। दरअसल, इन लोगों का यही काम है।’’

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी 16-17 अगस्त को अपने यूएई दौरे के समय अबूधाबी स्थित शेख जायद मुख्य मस्जिद (ग्रैंड मास्क) गए थे। इसे प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण माना गया, लेकिन यहां विपक्ष के कुछ दलों ने मोदी पर कटाक्ष किया।

सरेशवाला ने कहा कि पिछले एक साल के मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान चलाई गई जनहित की योजनाओं का फायदा मुस्लिम समुदाय को बहुत अधिक हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि सरकार की जनधन योजना और बीमा योजना का मुस्लिम समुदाय को बहुत ज्यादा फायदा हुआ है। जनधन की वजह से फुटपाथ पर रहने वाला मुसलमान अपना खाता खोल सकता है। पिछले 15 महीने में ऐसा कोई काम नहीं हुआ जिससे मुसलमानों को नुकसान हुआ है।’’

सरेशवाला ने कहा, ‘‘पिछले 65 साल से सिर्फ मुसलमानों की बात हुई। ऐसे में दूसरा समुदाय समझता है कि मुसलमानों का तुष्टीकरण हो रहा है। यानी मुसलमानों का दोनों ओर से नुकसान हुआ है। मुसलमानों के लिए योजनाओं पर सिर्फ बात हुई, लेकिन जमीन पर कुछ नहीं हुआ। इसलिए सबके विकास के लिए बनी योजनाओं के जरिए ही मुसलमानों का विकास संभव है।’’