Kanpur Violence Debate: पिछले कुछ दिनों से टीवी चैनल्स पर एक ही मुद्दा गरमाया हुआ है। वो है कथित तौर पर नूपुर शर्मा का वो बयान जिसकी वजह से कानपुर में हिंसा हुई और उसके बाद बीजेपी ने नूपुर शर्मा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया। अब एक पक्ष नूपुर शर्मा के समर्थन में कुछ बातें कहता है तो दूसरा पक्ष नूपुर शर्मा के विरोध में। ऐसी ही एक डिबेट न्यूज-18 हिन्दी न्यूज चैनल पर चल रही थी जिसमें मुस्लिम चिंतक रिजवान अहमद ने एंकर अमीश देवगन से पूछ लिया कि वो इस डिबेट पैनल में बैठे लोगों से ये सवाल कि आखिरकार नूपुर शर्मा को किसने उकसाया।

मुस्लिम चिंतक रिजवान अहमद ने टीवी डिबेट के दौरान एंकर अमीश देवगन से कहा, “मैं नूपुर के साथ नहीं खड़ा, ना ही मैं भाजपा, ना ही मैं मुसलमान के साथ के साथ खड़ा हूं, और ना ही मैं इन दो कौड़ी की सेकुलर पार्टियों के साथ खड़ा हूं। वकील आदमी हूं मैं न्याय के साथ खड़ा हूं। और एक सवाल पूछ रहा हूं इसका जवाब जरूर लेना अमिश भाई अगर पत्रकार हो सच्चे तो जवाब जरूर लेना?” उन्होंने आगे कहा, “धारा 504 ये कहती है आईपीसी की अगर कोई किसी को प्रोवोक करता है और उसको कोई गलत काम या अपराध करने पर लुभाता है तो प्रोवोक करने वाले पर 504 का मुकदमा लिखा जाएगा जिसमें 2 साल की सजा का प्रावधान है।”

नूपुर शर्मा को किसने प्रोवोक कियाः रिजवान अहमद
रिजवान अहमद ने आगे फिर सवाल उठाते हुए पूछा “राम नवमी पर लोगों ने गलत नारेबाजी की तो लोगों ने कहा मुसलमान प्रोवोक हो गए। नूपुर शर्मा ने टीवी डिबेट में कोई गलत शब्द बोल दिए तो कानपुर में पत्थरबाज प्रोवोक हो गए। ये डरपोक देश, ये डरपोक समाज ये बात पूछने की हिम्मत नहीं कर रहा है कि नूपुर शर्मा को प्रोवोक किसने किया उस डिबेट में किसने नूपुर शर्मा को प्रोवोक किया।”

क्या राम मंदिर प्रोवोकेशन नहीं थाः अतीकुर्रहमान
इसके बाद अतीकउर्रहमान ने रिजवान अहमद को जवाब देते हुए कहा, “अगर आप किसी पर एक अंगुली उठाते हैं तो बाकी की चार अंगुलियां आपकी ओर होती हैं। राम मंदिर मूवमेंट, रथयात्रा क्या थी वो प्रोवोकेशन नहीं था। क्यों कारसेवकों पर गोलिया चलाने वालों को अभी तक क्यों कोसा जा रहा है। मैं आपको ध्यान दिलाना चाह रहा हूं कि पूरा राम मंदिर क्या प्रोवोकेशन नहीं था। अगर राम मंदिर प्रोवेकेशन नहीं था तो एंटी सीएए प्रोटेस्ट कैसे प्रोवोकेशन हो सकता है।”

कानपुर की घटना प्रोवोकेशन नहीं बल्कि क्राइम थी जो प्लानिंग के साथ हुई
इसके बाद अतीक उर्र रहमान को जवाब देते हुए मुस्लिम चिंतक रिजवान अहमद ने जवाब देते हुए कहा, “बार-बार आप लोग कानपुर की घटना को प्रोवोकेशन बताकर आप उसे गलत नैरेटिव दे रहे हैं। कानपुर की घटना के बारे में मैं आपको बताता हूं बतौर एक वकील की हैसियत से, जहां प्लानिंग होती है वहां प्रोवोकेशन नहीं होता है और जहां प्रोवोकेशन होता है वहां प्लानिंग नहीं होती है। नूपुर ने बयान दिया तो एक सप्ताह तक तुमने इंतजार किया और जुमे की भीड़ का इंतजार किया पेट्रोल इकट्ठा किया, पत्थर इकट्ठा किया ये क्राइम है जो प्लानिंग के साथ किया गया था। प्रोवकेशन में अगर मैं कुछ कहता हूं तो आप तुरंत उसका रिएक्शन देंगे न कि एक सप्ताह बाद।”