बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) के ‘संस्कृत विद्या धर्म विजनन’ के साहित्य विभाग में एक प्रोफेसर की नियुक्ति (Professor Recruitment) को लेकर बवाल मच गया है। दरअसल इस विभाग में प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति हुई है, जिसका छात्र विरोध कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शनकारियों में मुख्य रूप से बीजेपी की स्टूडेंट यूनिट अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्र शामिल थे। उनका कहना है कि जिस तरह की पढ़ाई वहां होनी है, उसके लिए सिर्फ हिंदू-सिख-जैन या बौद्ध को ही नियुक्त किया जाना चाहिए।
‘यूजीसी गाइडलाइंस के मुताबिक है फैसला’: शुक्रवार (15 नवंबर) को यूनिवर्सिटी एक लिखित बयान जारी करते हुए प्रोफेसर खान की नियुक्ति का बचाव किया है। इसमें कहा गया कि यह फैसला यूजीसी की गाइडलाइंस के मुताबिक लिया गया है, यह नियुक्ति एकमत से फैसले के बाद की गई है। दूसरी तरफ छात्रों ने फैसला वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन जारी रखा।
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वीसी ने की अपीलः वाइस-चांसलर राकेश भटनागर ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में बीएचयू एक्ट का ध्यान रखा गया है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से विरोध बंद करने की अपील की। विश्वविद्यालय की फेकल्टी और प्रशासन के साथ भी एक बैठक हुई। इसमें यह तय किया गया कि बीएचयू एक्ट को लेकर यदि छात्रों के मन में कोई संदेह है तो उसे दूर किया जाएगा।
हॉस्टल की छत से मिला था देसी कट्टाः गौरतलब है कि इसी हफ्ते यूनिवर्सिटी में छात्रों के दो गुट आपस में भिड़ गए थे। इस दौरान जमकर पत्थरबाजी भी की गई। इसके बाद पुलिस ने जांच की तो हॉस्टल की छत से देसी कट्टा भी बरामद हुआ। यहां पुलिस को हालात काबू करने के लिए लाठीचार्ज भी करना पड़ा। एसपी दिनेश सिंह के मुताबिक प्राथमिक जांच में सामने आया है कि बवाल करने वालों में से कुछ बीएचयू के छात्र नहीं थे।