लखनऊ के मस्जिद में एक ट्रेनिंग कैंप संचालित करने का मामला सामने आया है। यह ट्रेनिंग कैंप मुस्लिम वकील महमूद पराचा संचालित कर रहे हैं। लखनऊ के टीले वाली मस्जिद में ट्रेनिंग कैंप में मुस्लिम युवकों को हथियारों का लाइसेंस लेने का प्रशिक्षण दिया गया।
उन्हें बताया गया कि हथियारों का लाइसेंस हासिल करने के लिए फॉर्म को किस तरह भरा जाता है। बताया जा रहा है कि महमूद इसी तरह के 12 और शहरों में ट्रेनिंग कैंप का आयोजन करेंगे। एक दिन पहले ही दिल्ली के वकील महमूद ने मुसलमानों और दलितों से अपनी संपत्ति बेचकर आत्मरक्षा के लिए बंदूक खरीदने की बात कही थी।
ट्रेनिंग के एक वीडियो में महमूद कह रहे है कि आज कि परिस्थितयों में मौजूदा कानून व्यवस्था काफी नहीं है। पारचा का कहना है कि आज देश में दलित और मुस्लिम तबके के लोग भीड़ हिंसा का शिकार हो रहे हैं। इस स्थिति में उन्हें भी अपनी रक्षा का अधिकार है। देश का संविधान सभी को आत्मरक्षा का अधिकार देता है।
पारचा ने हथियारों का लाइसेंस लेने की ट्रेनिंग जुमे की नमाज अदा करने आए लोगों को दी। पारचा का कहना है कि अगली ट्रेनिंग वह दिल्ली में देंगे। सुप्रीम कोर्ट के वकील पारचा ने कुछ दिन पहले कहा था कि सरकारें एससी, एसटी और मुस्लिम समुदाय को लोगों की रक्षा करने में असफल रही हैं। ऐसे में वह इन लोगों को हथियार हासिल करने का फॉर्म भरने की ट्रेनिंग देंगे।
#Breaking | Muslim Advocate Mahmood Paracha conducted a training camp at a Lucknow mosque to provide assistance to Muslim men in filing up weapon license forms. More details by @scribe_prashant. pic.twitter.com/7SwZyZieKs
— TIMES NOW (@TimesNow) July 27, 2019
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में पारचा ने कहा था कि हम संविधान के अनुच्छेद 19 से 21 को बढ़ावा दे रहे हैं जो जीवन के अधिकार से संबंधित है। यही बात हम लोगों से कह रहे कि जब सरकारें उनकी सुरक्षा करने में असफल रही हैं। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि विवाद की बात क्या है।
पारचा ने कहा कि हम सिर्फ लोगों को हथियार हासिल करने का फॉर्म भरना सीखा रहे हैं जिसे भरना उन्हें नहीं आता है। इसमें किसी और को क्या दिक्कत हो रही है? समुदाय विशेष के लिए इस पहल के बारे में पूछे जाने पर पारचा कहते हैं कि यूएन की रिपोर्ट के अनुसार अल्पसंख्यक समुदाय भीड़ हिंसा का शिकार हो रहा है। और इन्हें बेहद सुनियोजित तरीके से निशाना बनाया जा रहा है।

