मुंबई के विवार की रहने वाली गौरी महादिक के पति सेना में थे। वह दो साल पहले सीमा पर शहीद हो गए थे। गौरी ने पति के गुजरने के बाद अब लेफ्टिनेंट बन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। गौरी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद अगले साल सेना में शामिल होंगी। बता दें कि दिसंबर 2017 में अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत-चीन सीमा पर उनके पति और मेजर प्रसाद महादिक अस्थाई चौकी में थे। उसी दौरान फायरिंग में वह देश के लिए शहीद हो गए थे।
‘एचटी’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, 32 वर्षीय गौरी चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकैडमी (ओटीए) में ट्रेनिंग लेंगी। उन्होंने अखबार से कहा, “मुझे शहीद की विधवा के रूप में नॉन-टेक्निकल श्रेणी के तहत लेफ्टिनेंट के तौर पर तैनात किया जाएगा।”
गौरी उन 16 अभ्यर्थियों में से थीं, जिन्होंने मध्य प्रदेश के भोपाल में सर्विस सेलेक्शन बोर्ड (एसएससी) की परीक्षा दी थी। यह परीक्षा 30 नवंबर से चार दिसंबर 2018 के बीच चली थी, जिसमें उन्होंने टॉप किया। उन्हें अब 49 हफ्तों की ट्रेनिंग दी जाएगी, जो कि इस साल अप्रैल में शुरू होगी। वहीं, मार्च 2020 में उन्हें सेना में शामिल कर लिया जाएगा।
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बकौल गौरी, “देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए जवानों की विधवाओं के लिए एसएसबी परीक्षा हुई थी। बेंगलुरू, भोपाल और इलाहाबाद- इन तीन केंद्रों से कुल 16 अभ्यर्थी चुनी गईं। हमें सीडीएस की लिखित परीक्षा से छूट दी गई। हमारा भोपाल में सीधे ओरल टेस्ट हुआ था। परीक्षा केंद्र पर मुझे वही चेस्ट नंबर मिला, जो कि ओटीए में चयन से पहले पति को मिला था।” वह चेस्ट नंबर 28 था।
2015 में कंपनी सेक्रेट्री और वकील गौरी की शादी प्रसाद से हुई थी। मौजूदा समय में विरार में ससुराल में रहती हैं। पति के शहीद होने के बाद उन्होंने वर्ली में लॉ फर्म में नौकरी छोड़ दी थी। वह उसके बाद से सेना में शामिल होने के लिए परीक्षा की तैयारी में जुट गई थीं।
उन्होंने अंग्रेजी अखबार से आगे कहा, “प्रसाद मार्च 2012 में सेना में शामिल हुए थे। बिहार रेजिमेंट की सातवीं बटालियन में बेहद काबिल अफसरों में से एक थे। उनके साथी आज भी उन्हें इज्जत और सम्मान के साथ याद करते हैं। उन्हें संगीत और खेल से खासा लगाव था।”

