New India Cooperative Bank Embezzlement: मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने करोड़ों रुपये के घोटाले के मामले में न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के पूर्व सीईओ अभिमन्यु भोआन को गुरुवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि अभिमन्यु इस अपराध में शामिल थे और जब 2019 से 2024 के बीच करोड़ों रुपए के धन की हेरा-फेरी हुई थी, तब वह सीईओ के पद पर थे।
पुलिस ने यह भी बताया है कि अभिमन्यु को 122 करोड़ की हेरा-फेरी में एक करोड़ रुपए मिले हैं। ईओडब्ल्यू ने पिछले सप्ताह बैंक के पूर्व महाप्रबंधक हितेश मेहता को बैंक की तिजोरी से 122 करोड़ रुपये निकालने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने इस मामले के तीनों आरोपियों- हितेश मेहता, धर्मेश पौन और अभिमन्यु को अदालत में पेश किया और 28 फरवरी तक पुलिस की हिरासत में भेज दिया गया। इस बीच, एक अदालत ने इस मामले में मुख्य आरोपी हितेश मेहता की पुलिस रिमांड 28 फरवरी तक बढ़ा दी।
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दर्ज किए गए थे बयान
ईओडब्ल्यू ने बुधवार को अभिमन्यु भोआन का बयान दर्ज किया था। ईओडब्ल्यू ने उनसे सीईओ रहने के बैंक के कामकाज और बैंक की तिजोरियों की सुरक्षा को लेकर पूछा था। ईओडब्ल्यू ने 2019-20 में बैंक का ऑडिट करने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) अभिजीत देशमुख के भी बयान दर्ज किए थे।
बैंक के बाहर जुट गए थे लोग
इस घोटाले के सामने आने के बाद मुंबई स्थित न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक की ब्रांच के बाहर लोगों की भीड़ जुट गई थी। आरबीआई ने पिछले सप्ताह बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया था और 122 करोड़ रुपये के गबन का आरोप लगाते हुए इसके कामकाज पर रोक लगा दी थी। इस मामले में लोगों को एक नोटिस दिया जा रहा है, जिसमें कहा गया है कि उनका पैसा सुरक्षित है और नोटिस के 90 दिनों के भीतर इस बैंक में पैसे जमा करने वाले हर शख्स को 5 लाख रुपये तक का भुगतान कर दिया जाएगा।
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