उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा डॉन मुख्तार अंसारी अब इस दुनिया में नहीं रहा। 60 साल की उम्र में उसने दम तोड़ दिया। गुरुवार देर रात उसे हार्ट अटैक आया था जिसके बाद बांदा जेल से उसे मेडिकल कॉलेज शिफ्ट किया गया। लेकिन हालत इतनी नाजुक थी कि डॉक्टर भी अंसारी को नहीं बचा सके। इस तरह से यूपी में एक और डॉन का अध्याय हमेशा के लिए समाप्त हो गया।

अगर यूपी पुलिस की माने तो मुख्तार अंसारी पर हत्या, हत्या के प्रयास, धोखाधड़ी जैसे कई आपराधिक मामले दर्ज थे। लखनऊ, गाजीपुर, चंदौली, आगरा और दिल्ली जैसे राज्यों में भी क्राइम के मामले में अंसारी के ऊपर कई केस चल रहे थे। अंसारी के राजनीतिक करियर की बात करें तो वो मऊ से पांच बार का विधायक था। 2017 का विधानसभा चुनाव उसका अंतिम था लेकिन देखा जाए तो 2005 से ही वो जेल में था। लेकिन फिर भी 12 साल तक राजनीति में पूरी तरह सक्रिय दिखा। अंसारी की मुश्किलें इसलिए बढ़ गई क्योंकि पिछले 2 सालों के अंदर में जितने भी केस चल रहे थे, ज्यादातर में या तो वो दोषी पाया गया या फिर उन मामलों में जांच आगे तक बढ़ चुकी थी।

जानकारी के लिए बता दे कि मुख्तार अंसारी का जन्म 3 जून 1963 को गाजीपुर जिले में हुआ था। अंसारी के पिता का नाम सुभान अल्लाह अंसारी था और उनकी मां का नाम बेगम राबिया। बड़ी बात ये है मुख्तार अंसारी ने जरूर क्राइम का रास्ता पकड़ा था, लेकिन उसका परिवार काफी प्रतिष्ठित था। अंसारी के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी तो एक स्वतंत्रता सेनानी थे। बताया जाता है कि महात्मा गांधी के साथ 1926 और 27 में उन्होंने काफी करीबी से काम किया था। वही अंसारी के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान 1947 की लड़ाई में शहीद हुए थे। ऐसे में यूपी का ये डॉन एक देशभक्त परिवार से आता था जिनका जुर्म की दुनिया से कोई लेना-देना नहीं था।

लेकिन बात जब मुख्तार अंसारी की आती है तो उसने शायद ही कोई ऐसा जुर्म होगा जो छोड़ होगा। ठेकेदारी, खनन, शराब जैसे कई ऐसे बिजनेस हैं जिसमें अंसारी ने अपना हाथ आजमाया और जमकर पैसा कमाया। जानकार मानते हैं कि पूर्वांचल की सियासत में अंसारी ने अपनी सल्तनत भी इन्हीं धंधों के आधार पर खड़ी की थी।

ये जरूर कहा जाता है कि अंसारी ने अगर जुर्म की दुनिया में अपना नाम कमाया था, विधायक रहते हुए उसने अपने लोगों के लिए भी काफी काम किया। वो अमीरों से अगर पैसा लूटा था तो गरीबों में बांटने का काम भी किया। सड़कें, पुल से लेकर स्कूल कॉलेज तक उसने अपने इलाके में सब कुछ बनवाया था।