समाजवादी पार्टी के सांसद और मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल असारी (Afzal Ansari) की सांसदी पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। बीजेपी नेता कृष्णानंद राय हत्याकांड (Krishnanand Rai Murder Case) में गैंगस्टर एक्ट के मामले में उन्हें गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट पहले ही चार साल की सजा सुना चुकी है। अगर हाईकोर्ट सजा को बरकरार रखता है तो अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता चली जाएगी।

29 तारीख से क्या है कनेक्शन

बता दें कि 29 नवंबर 2005 को कृष्णानंद राय की हत्या हुई थी। इस मामले अफजाल अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ। गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट ने भी इस मामले में उन्हें 29 अप्रैल 2023 को सजा सुनाई थी। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उसे सुपुर्द-ए-खाक 29 मार्च 2024 को किया गया। अब हाईकोर्ट भी 29 जुलाई को इस मामले में अपना फैसला सुना सकता है।

कौन हैं अफजाल अंसारी?

अफजाल अंसारी तीन बार के सांसद और 5 बार के विधायक रहे हैं। पहली बार वह 2004 में सपा के टिकट पर गाजीपुर से सांसद बने। कृष्णानंद राय की हत्या के बाद उन्हें जेल जाना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने 2009 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा। हालांकि इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2014 में उन्होंने बलिया सीट से कौमी एकता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा। इस चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2019 में सपा और बसपा के बीच हुए गठबंधन में बीएसपी ने उन्हें एक बार फिर गाजीपुर सीट से चुनाव में उतारा। इस बार उन्हें जीत मिली। इस बार भी उन्होंने गाजीपुर सीट से चुनाव जीता है।

कृष्णानंद राय पर बरसाई गईं थी 400 से ज्यादा गोलियां

बीजेपी के टिकट पर 2002 के विधानसभा चुनाव में मुख्‍तार अंसारी और अफजाल अंसारी के प्रभाव वाली मोहम्‍दाबाद सीट पर अफजाल को मात देने वाले कृष्‍णानंद राय कद्दावर नेता थे। इसी से नाराज होकर मुख्‍तार अंसारी गैंग ने 29 नवम्‍बर 2005 को करीब 400 राउंड गोलियां बरसाकर भाजपा विधायक कृष्‍णांनद राय समेत 7 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। 29 नवंबर 2005 को कृष्णानंद राय को करीमुद्दीनपुर इलाके के सेनाड़ी गांव में एक क्रिकेट मैच का उद्घाटन करने जाना था। हल्की बारिश के बीच वह बुलेटप्रूफ गाड़ी छोड़कर सामान्य गाड़ी से चले गए थे।जब वह शाम को गांव से लौट रहे थे तो उसरी चट्टी के पास घेरकर उन पर एके-47 से अंधाधुंध फायरिंग की गई। इस गोलीबारी में कृष्णानंद राय के शरीर से 60 से ज्यादा गोलियां निकाली गई थीं।