यूपी में योगी सरकार माफियाओं के खिलाफ सख्त रवैया अपना रही है और अवैध कब्जा करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। इस बीच खबर मिली है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने माफिया मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद पर शिकंजा कस लिया है और वह इनकी सपंत्ति को जब्त करेगा।
इन दोनों से जेल में ईडी ने बीते हफ्ते लंबी पूछताछ की है। अतीक से गुजरात के साबरमती जेल में और मुख्तार से यूपी के बांदा जेल में पूछताछ की गई।
ईडी ने दोनों के खिलाफ हवाला कानून के तहत कार्रवाई की है। इसके तहत दोनों की संपत्ति को जब्त किया जाएगा। सूत्रों से ये जानकारी मिली है कि जेल में जब इन दोनों से पूछताछ की गई तो ये लोग सही जवाब नहीं दे सके। जिसके बाद ये फैसला किया गया कि इनकी संपत्ति जब्त होगी।
इससे पहले ये खबर सामने आई थी कि ईडी मुख्तार अंसारी के 7 और अतीक अहमद के 12 बैंक खातों की जांच करके मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत जुटा रही है।
कितना पावरफुल था मुख्तार अंसारी: मुख्तार अंसारी इस समय यूपी की बांदा जेल में है। एक समय था जब यूपी में पूर्व से पश्चिम तक हर माफिया मुख्तार अंसारी के नाम से खौफ खाता था। कोई भी उससे दुश्मनी नहीं करना चाहता था। जब उसका काफिला सड़कों से गुजरता था, तो लोग दहशत में आ जाते थे। एक साथ उसकी 20 से 30 एसयूवी गाड़ियां रास्ते से गुजरती थीं।
हालांकि योगी सरकार जब से एक्टिव हुई है, तब से मुख्तार के आर्थिक साम्राज्य को बड़ी चोट पहुंची। सरकार ने उसकी कई संपत्तियों को अटैच किया। ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 के हलफनामे में मुख्तार अंसारी ने अपनी संपत्ति करीब 22 करोड़ रुपए बताई और दायित्व करीब 7 करोड़ रुपए के बताए थे।
अतीक अहमद का कितना प्रभाव था: प्रयागराज के माफिया डॉन और पूर्व सांसद अतीक अहमद गुजरात की साबरमती जेल में बंद है। उनके पिता एक जमाने में इलाहाबाद स्टेशन पर तांगा चलाते थे। लेकिन अतीक के सिर पर अमीर बनने का जुनून सवार था, इसलिए उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा।
अपराध जगत में अतीक की शुरुआत 1979 में इलाहाबाद में हुई थी, उस समय उसकी उम्र मात्र 17 साल की थी। बाद में अतीक अहमद डॉन से साल 1989 में नेता बन गया और 2004 तक वह छह बार चुनाव जीता।
ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान पेश किए गए हलफनामे में अतीक अहमद ने अपनी संपत्ति करीब 26 करोड़ और दायित्व शून्य दिखाए थे।