कारोबारी मुकेश अंबानी के रिलायंस जियो ने 11 अरब डॉलर की एयरवेव की नीलामी में सबसे ज्यादा बोली लगाई है।रिलायंस जियो ने अपने प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबले में बढ़त बनाए रखने के लिए ये कदम उठाया है। दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश ने मंगलवार को मीडिया से कहा कि रिलायंस जियो ने स्पेक्ट्रम नीलामी में कुल 778.2 अरब रुपये की बोली लगाई। वहीं भारती एयरटेल लिमिटेड ने 2.6 अरब डॉलर खर्च किए जबकि वोडाफोन ने 19.9 अरब रुपये के स्पेक्ट्रम की बोली लगाई।

प्रकाश के मुताबिक, सभी 60% स्पेक्ट्रम की नीलामी की गई। नीलीमी में बोली उस कीमत पर लगाई गई जो कि केंद्र सरकार को स्वीकार्य थी। हालांकि कुछ स्पेक्ट्रम की बिक्री नहीं हो सकी है। उन्होंने कहा कि कोविड के चलते सेक्टर कठिनाई का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि “हम खुश हैं कि उद्योग आश्वस्त है और अधिक खरीदारी करने के लिए बोली लगाई गई है”। हाल ही में हुई नीलामी 2016 के बाद हुई है। इससे सरकारी खजाने को फायदा होने की संभावना है। वो भी ऐसे समय में जब सरकार पिछले साल महामारी के चलते मंदी के बाद अर्थव्यवस्था को खड़ा करने की कोशिश कर रही है।

मालूम हो कि फेसबुक और गूगल सहित वैश्विक निवेशकों से पिछले साल रिलायंस जियो को 27 बिलियन डॉलर का राशि मिली थी। अंबानी रिलायंस को एक टेक टाइटन में बदलना चाहते हैं। मुंबई की बेक्सली एडवाइसर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर उत्कर्ष सिन्हा ने बताया कि इस नीलामी से संकेत मिलते हैं देश में 4 जी सेवाएं आने वाले समय में मजबूत होंगी और 5जी सेवा का भी भविष्य नजर आता है।

उन्होंने कहा कि इस नीलीमी से “न केवल सरकारी खजाने को फायदा है बल्कि उद्योग के लिए भी अच्छे संकेत मिले हैं।”रिलायंस जियो ने उन एयरवेव्स को खरीदा है जो 5 जी तकनीक के साथ काम कर सकती हैं। कंपनी ने देश के सभी 22 क्षेत्रों में स्पेक्ट्रम को भी जोड़ा है।

एयरटेल ने सिर्फ 186.99 अरब रुपये खर्च किए हैं जबकि वोडाफोन आइडिया ने बताया है कि उसने भारत में पांच क्षेत्रों में स्पेक्ट्रम की खरीदारी की है।