2018 के एक ट्वीट को लेकर फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल गुरुवार को जुबैर के साथ उसका लैपटॉप बरामद करने के लिए बेंगलुरु स्थित आवास पर पहुंची है। आरोप है कि इस लैपटॉप के जरिए जुबैर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पोस्ट करता था।
पुलिस के अनुसार इसके बारे में जुबैर से बार-बार पूछा गया लेकिन उसने इसे पुलिस को सौंपने से इनकार किया। पुलिस का कहना है कि जुबैर लोकप्रियता हासिल करने के लिए एक धार्मिक समूह के खिलाफ जानबूझकर टिप्पणियां करता था।
पुलिस के मुताबिक जुबैर पूछताछ में टालमटोल कर रहा है और अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं कर रहा। लैपटॉप बरामद करने के बाद, पुलिस उसके द्वारा कथित रूप से की गई पोस्ट की जांच करने के लिए हार्ड डिस्क मेमोरी को रिकवर करने का प्रयास करेगी। इसके लिए बरामदगी के बाद लैपटॉप को रोहिणी के सीएफएसएल में फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा।
जुबैर ने दिल्ली की एक अदालत के समक्ष अपने वकील वृंदा ग्रोवर के जरिए कहा कि मेरा लैपटॉप और मेरा फोन स्टोरेज मेरी निजी चीजें हैं। लेकिन मुझे परेशान करने के लिए वे मेरा लैपटॉप चाहते हैं।
गौरतलब है कि जुबैर की गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद दिल्ली पुलिस को टैग करके आधिकारिक शिकायत करने वाले हनुमान भक्त नाम का ट्विटर अकाउंट गायब हो गया है। गायब हुए इस ट्विटर हैंडल से 19 जून को कहा गया था कि जुबैर को भगवान का अपमान करने को लेकर गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक बुधवार को मोहम्मद जुबैर की शिकायत करने वाले ट्विटर अकाउंट @balajikijaiin को जब खोलने की कोशिश की गई तो “यह अकाउंट मौजूद नहीं है” का मैसेज दिखाई दिया। वहीं शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस साइबर क्राइम यूनिट ने जुबैर को 2020 के पॉक्सो मामले में पूछताछ के दौरान गिरफ्तार किया था। इस केस में जुबैर की गिरफ्तारी पर उच्च न्यायालय ने रोक लगाई थी।
बता दें कि मोहम्मद जुबैर पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने व नफरत को बढ़ावा देने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्हें चार दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। बता दें कि पुलिस ने शिकायत करने वाले व्यक्ति का पता लगाने की बात कह रही है। वहीं शिकायत का ट्वीट करने वाले अकाउंट पर गिरफ्तारी के दिन केवल 1 ट्वीट और 1 फॉलोवर था लेकिन गिरफ्तारी के बाद 1,200 फॉलोवर्स हो गये थे। हालांकि बुधवार तक यह अकाउंट नहीं पाया गया।
नाम जाहिर न करने की शर्त पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि हमें जानकारी मिली है कि शिकायत करने वाले व्यक्ति ने अपना अकाउंट डिलीट कर दिया है। लेकिन इससे हमारी जांच प्रभावित नहीं होगी। हम मामले की जांच कर रहे हैं क्योंकि जुबैर के पुराने ट्वीट को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया था और इससे असामंजस्य पैदा हुआ था।
अधिकारी ने कहा कि हम शिकायत संबंधी जानकारी जुटाने के लिए शिकायकर्ता का पता लगा रहे हैं। हो सकता है कि उसने अकाउंट डिलीट कर दिया हो क्योंकि वह डर गया था। वहीं बीते मंगलवार(28 जून) को डीसीपी (साइबर क्राइम) केपीएस मल्होत्रा ने दावा किया, ‘जुबैर के खाते में हमें 50 लाख रुपये से अधिक का लेनदेन मिला है। यह रकम बीते तीन महीनों में आई है।’ डीसीपी मल्होत्रा ने बताया कि अभी तक इस बारे हमें कोई सोर्स नहीं मिला है, लेकिन यह पैसा संदिग्ध संगठनों से दिया गया चंदा हो सकता है।