मध्य प्रदेश में कांग्रेस के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में व्पापमं घोटाले की जांच नए सिरे से कराने के आदेश बाद अब प्रदेश कैबिनेट मिनिस्टर ने ‘डंपर घोटाला’ केस फिर से खोलने की पैरवी की है। डंपर घोटाले के आरोपियों में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान एक हैं।
मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार में सामान्य प्रशासन विभाग देख रहे गोविंद सिंह ने कहा कि डंपर घोटाले की जांच फिर से होनी चाहिए क्योंकि उसमें कथित अनियमितताओं के ‘सबूत’ थे। कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने बताया कि मामले में विचार के लिए फाइल प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास भेजी गई है। डंपर घोटाला मामले में अदालत के प्रतिकूल फैसलों पर मिश्रा ने हालांकि स्वीकार किया कि विभिन्न अदालतें इस मामले में याचिकाएं खारिज कर चुकी हैं।
कैबिनेट मिनिस्टर गोविंद सिंह ने डंपर घोटाले में नए सिरे से जांच की पैरवी ऐसे समय में की है जब पूर्व सीएम चौहान ने हाल में कहा कि था कि कांग्रेस द्वारा शुरू किए गए खेल को वह (शिवराज) खत्म करेंगे। उन्होंने दो भाजपा विधायकों द्वारा कमलनाथ सरकार का समर्थन करने के संबंध में संकल्प लेने के बाद यह बात कही।
बता दें कि बीते वर्ष प्रदेश में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी चुनावी घोषणा पत्र में व्यापमं और इ-टेंडरिंग घोटालों की जांच नए सिरे से कराने की बात कही थी। अभी कुछ दिन पहले ही कमलनाथ सरकार ने व्यापमं केस की जांच सीबीआई से नहीं कराने के लिए एक ऑर्डर जारी किया। जानना चाहिए कि शिवराज चौहान की सरकार में व्यापमं केस सीबीआई को सौंपने से पहले इसकी जांच एमपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा की गई।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश पुलिस आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने भाजपा शासन के दौरान हुए कथित ई-टेंडर घोटाले की जांच के सिलसिले में पूर्व मंत्री और भाजपा नेता नरोत्तम मिश्र के दो पूर्व निजी सचिवों को गिरफ्तार किया है। ईओडब्ल्यू की टीम ने शनिवार सुबह इन दो अधिकारियों के ठिकानों की तलाशी भी ली थी। (जनसत्ता ऑनलाइल इनपुट सहित)