मध्यप्रदेश में पिछले दिनों हुई लगातार बारिश की वजह से कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। बाढ़ की वजह से शिवपुरी, श्योपुर समेत कई जिलों के गांव इसकी चपेट में आ गए हैं। बारिश की वजह से आए सैलाब से लोग तबाह हो गए हैं लेकिन इस कष्ट की घड़ी में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सिस्टम पीड़ित लोगों का सहारा ना बन सका। प्रशासन की लापरवाही और राहत कार्यों में की जा रही अनदेखी की वजह से शिवपुरी जिले में लोगों को तीन दिन तक दाने- दाने का मोहताज बनना पड़ा।
शिवपुरी जिले के बहगामा गांव में बारिश की वजह से आई बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई है। बाढ़ की वजह से गांव के लोगों के रहने के लिए ना घर बचा और ना ही खाने के लिए अनाज। जिसकी वजह से इस गांव के लोगों को तीन दिन तक भूखे-प्यासे रहना पड़ा। सैलाब से मार खाए इन बाढ़ पीड़ितों के लिए शिवराज सरकार का प्रशासन भी सामने नहीं आया। गांव के लोग भूख और प्यास के कारण अपना दर्द बयां करते हुए मीडिया के सामने ही रोने लगे।
ग्रामीणों के अनुसार बाढ़ आने के बाद कोई भी उनके गांव की सुध लेने नहीं आया। सरकार की तरफ से उन्हें ना तो राशन पहुंचाया गया और ना ही किसी तरह की राहत सामग्री दी गई। बाढ़ आ जाने की वजह गांव के लोगों के घर में रखे फसल तक बर्बाद हो गए। इतना ही नहीं कई लोगों के खेत और जमीन के कागज भी बाढ़ की वजह से ख़राब हो गए।
मध्यप्रदेश में आई बाढ़ की वजह से जनजीवन पूरी तरह तबाह हो गया है। इस बाढ़ की वजह से मध्यप्रदेश में करीब 18 लोगों की मौत हो चुकी है। बाढ़ और मकान गिरने की वजह से सबसे ज्यादा मौतें शिवपुरी में हुई है। शिवपुरी में अबतक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा ग्वालियर में 3, मुरैना में 2, भिंड और श्योपुर में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।