संसद भवन के भीतर बने मेडिकल सेंटर की लापरवाही का मामला सामने आया है। दो सांसदों ने स्टाफ द्वारा गलत रिपोर्ट देने की बात कही है। बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल और पूर्व कांग्रेस सांसद महाबल मिश्रा ने स्टाफ के अनुभव पर सवाल उठाया है और पत्र लिखकर इसकी शिकायत लोकसभा अध्यक्ष तथा स्वास्थ्य मंत्री से की है। सांसदों का कहना है कि मेडिकल सेंटर में स्टाफ के पास अनुभव की कमी है। जिसकी वजह से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जगदंबिका पाल ने 22 अगस्त को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के नाम एक चिट्ठी लिखी थी और उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से मेडिकल सेंटर में अनुभवी स्टाफ रखने की मांग की। लेकिन, इसमें सुधार नहीं हुआ और एक दूसरे सांसद को लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ा। पूर्व सांसद महाबल मिश्रा की भी रिपोर्ट गलत आ गई।
महाबल मिश्रा ने इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को एक पत्र लिखा और बताया कि वे 25 सितंबर को संसद भवन के अंदर बने मेडिकल सेंटर में चेकअप कराने गए थे। उन्हें एक्स-रे के लिए कहा गया। जब वह जांच कराके रिपोर्ट के साथ डॉक्टर से मिले तो डॉक्टर ने उनसे उन बीमारियों के बारे में पूछा, जिनका कोई उनके भीतर लक्षण ही नहीं थे। मिश्रा ने पत्र में आगे लिखा कि उन्हें इसके बाद रेडियोलॉजिस्ट के पास भेज दिया गया। यहां भी उनसे उन्हीं बीमारियों के बारे में पूछा गया, जिनके लक्षण उनके भीतर नहीं हैं। बाद में बताया गया कि उनका एक्स-रे ही गलत है, जिसमें गंभीर बीमारी के बारे में बताया गया है।
महाबल मिश्रा का कहना है कि जब उन्होंने दोबारा एक्स-रे कराया तो सब कुछ ठीक था। उन्होंने भी अपने पत्र में स्टाफ के अनुभव पर सवाल खड़े किए हैं। साथ ही साथ उन्होंने इसके लिए सीएमओ को भी जिम्मेदार ठहराया है और सीएमओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।